सक्रिय व निष्ठावान रहेंगे तभी समाज स्वीकारेगा

उप्र प्रधानाचार्य परिषद के वार्षिक अधिवेशन में बोले संयुक्त शिक्षा निदेशक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Oct 2019 10:30 PM (IST) Updated:Wed, 02 Oct 2019 10:30 PM (IST)
सक्रिय व निष्ठावान रहेंगे तभी समाज स्वीकारेगा
सक्रिय व निष्ठावान रहेंगे तभी समाज स्वीकारेगा

देवरिया: संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक योगेंद्रनाथ सिंह ने कहा कि समाज में प्रधानाचार्यों को प्रकाश पुंज के रूप में देखा जाता है। उन्हें शैक्षिक व्यवस्था में उदाहरण बनने की आवश्यकता है। समाज के लिए प्रासंगिक नहीं होने पर समाज हमें बाहर कर देगा। यदि हम सक्रिय व निष्ठावान रहेंगे तो ही समाज हमें स्वीकारेगा।

वह कसया रोड स्थित एक मैरेज हाल में आयोजित उप्र प्रधानाचार्य परिषद के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। जिला विद्यालय निरीक्षक शिवचंद राम ने कहा कि शिक्षा को सही दिशा देना प्रधानाचार्यों का दायित्व है। संरक्षक श्रीनिवास शुक्ल ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे प्रधानाचार्यों के भावी जीवन की शुभकामना देता हूं। संरक्षक डा.राम नरेश मंजुल ने कहा कि शिक्षा विभाग व प्रशासन नियमों को दरकिनार कर मनमानी पर उतर आया है। इसलिए संगठन की आवश्यकता है। उप्र माध्यमिक शिक्षक शिक्षा चयन बोर्ड के सदस्य डा.दिनेश मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रधानाचार्य मानव का निर्माण करते हैं। विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना लक्ष्य व दायित्व है। प्रदेश अध्यक्ष डा.वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के समक्ष आज बड़ी चुनौतियां हैं। शीर्ष प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा के विषय में मूलभूत जानकारी भी नहीं है। इसलिए सहजता से होने वाले कार्यों में भी सरकार की ओर से अवरोध पैदा किया जा रहा है। इस मौके पर सेवानिवृत्त व दूसरे जिले से आए प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर जीआइसी प्रधानाचार्य पीके शर्मा, प्रदेश महामंत्री त्रिलोकीनाथ त्रिपाठी, डा.टीपी सिंह, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेशचंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष डा.मिथिलेश कुमार सिंह, पौहारीशरण राय, कैप्टन वीरेंद्र सिंह, अवधेश सिंह, मंगल मणि, माधव कुमार सिंह, डा.अभय द्विवेदी, डा. जितेंद्र सिंह, रमाकांत यादव आदि मौजूद रहे।

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