समरसता के भाव से ही होगा देश का चहुंमुखी विकास

समाज के सारे भेदभाव बुलाकर एकात्मता का साक्षात्कार कराने का उदार सत्कार देने वाला यह दिन है। उन्होंने कहा कि बिना सूर्य के जीवन की कल्पना व्यर्थ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 11:58 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 11:58 PM (IST)
समरसता के भाव से ही होगा देश का चहुंमुखी विकास
समरसता के भाव से ही होगा देश का चहुंमुखी विकास

देवरिया: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से टाउनहाल परिसर में मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। इस मौके पर मकर संक्रांति के महत्व को बताया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचार प्रसार प्रमुख पुष्पराज ने कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ किया। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में समरसता का भाव उत्पन्न नहीं होगा, तब तक देश का चहुंमुखी विकास संभव नहीं हो सकता। संघ समाज में सामाजिक समरसता फैलाने के मकसद से कार्य करता है। इसलिए समरसता पर्व के रूप में मनाता आ रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर के शब्दों में कहें तो यह राष्ट्रीय पर्व हमारे राष्ट्रीय जीवन में परस्पर स्नेह को पुष्ट करने वाला है।

समाज के सारे भेदभाव बुलाकर एकात्मता का साक्षात्कार कराने का उदार सत्कार देने वाला यह दिन है। उन्होंने कहा कि बिना सूर्य के जीवन की कल्पना व्यर्थ है। मकर संक्रांति के बाद हमें सूर्य का प्रकाश भी अधिक समय तक मिलने लगता है, जो हमारे स्वास्थ्य के साथ ही साथ फसलों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस कारण यह पर्व अधिक क्रियाशीलता और अधिक उत्पादन का भी प्रतीक है। मकर संक्रांति के बाद सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। जनेऊ धारण करने व दीक्षा लेने के लिए भी यह दिन बहुत ही पवित्र माना गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी को उनके गुरु स्वामी अखंडानंद ने सारगाछी आश्रम में मकर संक्रांति के दिन ही दीक्षा दी थी। इस दिन गौ पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व शिशिर के अंत व बसंत के आगमन का प्रतीक भी है। नगर में कई स्थलों पर इसका आयोजन किया गया।

इस अवसर पर नगर प्रचारक नागेंद्र, अवनीश, सत्येंद्र मणि त्रिपाठी, भरत मद्धेशिया, अमित मोदनवाल, दीपक गुप्ता, जय शंकर वर्मा, अमित वर्मा, हीरा वर्मा, दीपक वर्मा, प्रदीप, संतोष आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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