खर्च हुए 34 लाख, पुल चला 25 दिन
जिले में पीपा पुल को बनाने में लोक निर्माण विभाग द्वारा शासकीय धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। पुल बनाने में मनमानी के चलते इसका जनता को कोई विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है। बरहज के पीपा पुल को बनाने में विभाग द्वारा 34 लाख रुपये खर्च किए गए। पुल और एप्रोच मार्ग बनाने में खानापूरी की गई।
देवरिया : जिले में पीपा पुल को बनाने में लोक निर्माण विभाग द्वारा शासकीय धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। पुल बनाने में मनमानी के चलते इसका जनता को कोई विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है। बरहज के पीपा पुल को बनाने में विभाग द्वारा 34 लाख रुपये खर्च किए गए। पुल और एप्रोच मार्ग बनाने में खानापूरी की गई। परिणाम यह हुआ कि थोड़ा सा जलस्तर बढ़ते ही न केवल एप्रोच डूबा बल्कि पुल भी दरक गया और शुरू होने के 25 दिन बाद ही पुल बंद करना पड़ा।
नदियों पर लगने पीपा पुल का शुभारंभ 15 अक्टूबर तक हो जाना चाहिए, लेकिन विभाग द्वारा समय से पुल एक बार भी नहीं लगाया जा सका है। इस साल भी लगभग छह माह विलंब से जैसे-तैसे 20 मार्च को पुल शुरू हुआ। पुल लगाने में मानकों का जमकर उल्लंघन हुआ। न तो एप्रोच पर मिट्टी डाली गई और न ही लोहे की प्लेट बिछाई गई। पुल पर रेलिग भी नहीं लगी, जबकि विभाग पुल निर्माण में 34 लाख खर्च करने का दावा कर रहा है। अभी पुल 25 दिन ही चला था कि 15 अप्रैल को नदी का जलस्तर बढ़ने से एप्रोच मार्ग पर पानी भर गया, जिससे पुल पर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया। तब से आज तक पुल बंद है। अगर लागत और पुल के चलने की अवधि देखी जाए तो प्रति दिन करीब 1.34 लाख रुपये खर्च हुआ।
लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता मोहनलाल गुप्ता ने बताया कि पुल निर्माण में करीब 34 लाख रुपये खर्च हुए। अचानक जलस्तर बढ़ने से पुल बंद करना पड़ा।
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