सर, आइएएस बनना चाहती हूं, कैसे तैयारी करूं

देवरिया में दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम में डीएम अमित किशोर ने दिया छात्रों के सवालों का जवाब कहा- संवेदनशीलता विनम्रता छोटे-बड़े के सम्मान पर दें विशेष ध्यान।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 11:26 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 11:26 PM (IST)
सर, आइएएस बनना चाहती हूं, कैसे तैयारी करूं
सर, आइएएस बनना चाहती हूं, कैसे तैयारी करूं

देवरिया: दैनिक जागरण के बाल संवाद कार्यक्रम के अंतिम दिन कलेक्ट्रेट में डीएम अमित किशोर ने छात्रों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले व्यक्ति का मानव होना जरूरी है। हमारे अंदर संवेदनशीलता, विनम्रता, छोटे बड़े का सम्मान करने के साथ ही अनुशासित होना चाहिए तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। जीवन में सबसे जरूरी है सपने देखना मैं आज भी सपने देखता हूं। पढ़ने में शुरू में बहुत मेधावी नहीं था लेकिन सपना देखा आइएएस बनना है तो कड़ी मेहनत की और लक्ष्य को हासिल कर लिया। आईएएस बनने के पहले इंजीनियरिग के बाद मैंने दो प्राइवेट जाब किए, अगर मैं आइएएस नहीं होता तो वहां भी बेहतर कार्य करता और अच्छी पोजीशन में होता। छात्रों ने किए यह सवाल

प्रश्न: आइएएस बनने के दौरान किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है?

उत्तर: हर व्यक्ति की अपनी अलग-अलग समस्या होती है। आइएएस बनने के लिए बेसिक जानकारी अच्छी होनी चाहिए। ग्रेजुएशन के बाद विषय वही चुनना चाहिए जिस पर आपकी पकड़ हो। आठ से दस घंटे लगन से पढ़े।

रितिका द्विवेदी, डीएमटी पब्लिक स्कूल। प्रश्न: आइएएस की तैयारी में बहुत संघर्ष करना पड़ता है? कैसे लक्ष्य हासिल करें?

उत्तर: आईएएस की तैयारी में कई लोगों का पहली बार में चयन हो जाता है। कई लोगों को वर्ष प्री, मेन्स व इंटरव्यू में लग जाते हैं। इससे घबराना नहीं चाहिए। सपने देखें और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें, सफलता जरूर मिलेगी।

वैष्णवी जायसवाल, जीवन मार्ग सोफिया हायर सेकेंड्री स्कूल। प्रश्न: लक्ष्य का निर्धारण कैसे किया जाय? किस क्षेत्र में भविष्य संवारा जाय?

प्रश्न: आज पढ़ाई के साथ-साथ कला, फैशन डिजाइनिग, स्पो‌र्ट्स आदि में अपार संभावनाएं हैं। हमें अपनी प्रतिभा को पहचान कर लक्ष्य का निर्धारण कर सही दिशा में लगाने की जरूरत है। किसी भी क्षेत्र में सफल होने पर नेम, फेम सब है।

पलक, डीएमटी पब्लिक स्कूल। प्रश्न: भूखे प्यारे जानवरों के लिए रहने और खाने का कोई प्रबंध नहीं है। इसके लिए प्रशासन क्या कर रहा है?

उत्तर: बेसहारा पशुओं को लेकर सरकार गंभीर है। जिले के सभी ब्लाक व टाउन एरिया में पशु आश्रय स्थल बने हैं। जहां उनके भोजन व रहने का प्रबंध है। एक पशु पर प्रतिमाह 900 रुपये भोजन पर खर्च किया जाता है। पिपरा चंद्रभान व नगर पालिका में दो बड़े पशु आश्रय स्थल हैं।

अनुष्का, प्रेस्टिज इंटर कालेज। प्रश्न: आपके मन में आइएएस बनने का विचार कैसे आया?

उत्तर: मैं शुरू में पढ़ाई में कोई बहुत मेधावी नहीं रहा। हां बाद में करियर को लेकर गंभीर हुआ। इंजीनियरिग में अच्छे नंबर मिले। प्राइवेट जाब किया लेकिन सपने देखना नहीं छोड़ा। मेरे परिजनों ने हौसला बढ़ाया और गाइड किया मैनें लक्ष्य को हासिल कर लिया।

वैष्णवी अग्रवाल, जीवन मार्ग सोफिया सेंकेड्री स्कूल। प्रश्न: लक्ष्य के निर्धारण व उसे हासिल करने में किसी मदद लेनी चाहिए?

उत्तर: लक्ष्य का निर्धारण सदैव अपनी योग्यता व रूचि के आधार पर करना चाहिए। इससे आपकी रूचि बनी रहेगी और लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होगी। हां परिवार में कोई भी एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो आपको बेहतर करने के लिए प्रेरित करता रहे।

निशा रावत, प्रेस्टिज इंटर कालेज । प्रश्न: सफलता में फेमिली बैक ग्राउंड की भी भूमिका है?

उत्तर: बिल्कुल है। हम जिस परिवेश से आते हैं उस परिवेश से ही चीजों को सीखते हैं। वहां के संस्कार हमें मिलते हैं और वहीं से हमारे मन में अधिकारी, नेता, जर्नलिस्ट आदि बनने का विचार मन में आता है। मेरे पिता जी सिविल सर्विस में थे, तो मेरे मन में सिविल सेवा का विचार आया।

मैत्री बरनवाल, जीवन मार्ग सोफिया सेकेन्ड्री स्कूल। प्रश्न: आइएएस के लिए क्या योग्यता है?

उत्तर: सिविल सेवा की नौकरी काफी चुनौतीपूर्ण है। ग्रेजुएशन के बाद आइएएस की तैयारी कर सकते हैं। आठ से दस घंटे पढ़े, एक हिदी व एक अग्रेजी अखबार का अध्ययन करें। अंग्रेजी में हम काफी पीछे हैं। उसे मजबूत करना होगा।

ऋषिका तिवारी, डीएमटी पब्लिक स्कूल। विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया

पहली बार किसी आइएएस अधिकारी से सवाल जवाब करने का मौका मिला।

अमेय मिश्रा, डीएमटी पब्लिक स्कूल। यह कार्यक्रम काफी अच्छा है। कई सवालों के सटीक जवाब मिले।

धीरज यादव प्रेस्टिज इंटर कालेज। यहां आने पर नई उर्जा का संचार हुआ है। काफी कुछ सीखने को मिला।

निधि गुप्ता, प्रेस्टिज इंटर कालेज। सवालों के संतोषजनक उत्तर डीएम सर ने दिए। ज्ञान बढ़ा, झिझक दूर हुआ।

अंकित कुशवाहा, प्रेस्टिज इंटर कालेज।

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