समस्याएं जस की तस, कागजों में निस्तारण

जन सुनवाई निवारण पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का मौके पर निस्तारण करने के बजाय नगर पालिका कर्मी कागजी खानापूरी कर रहे हैं। शिकायतों का अभिलेखों में निस्तारण कर रहे हैं। जबकि समस्याएं जस की तस बरकरार हैं। सैकड़ों ऐसे मामले में है जिनका फर्जी तरीके से निस्तारण किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Sep 2018 11:55 PM (IST) Updated:Thu, 06 Sep 2018 11:55 PM (IST)
समस्याएं जस की तस, कागजों में निस्तारण
समस्याएं जस की तस, कागजों में निस्तारण

देवरिया: जन सुनवाई निवारण पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों का मौके पर निस्तारण करने के बजाय नगर पालिका कर्मी कागजी खानापूरी कर रहे हैं। शिकायतों का अभिलेखों में निस्तारण कर रहे हैं। जबकि समस्याएं जस की तस बरकरार हैं। सैकड़ों ऐसे मामले में है जिनका फर्जी तरीके से निस्तारण किया गया है। कर्मचारियों की मनमानी से तमाम लोगों ने शिकायत करना ही बंद कर दिया है।

शहर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। जल निकास, पेयजल, टूटी सड़कें, गंदगी आदि समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। नागरिक समस्याओं के समाधान की आस में आन लाइन शिकायत दर्ज करा रहे हैं, लेकिन उम्मीदें पूरी नहीं हो पा रही है। वजह है कर्मचरियों का टालू रवैया। तमाम समस्याओं का कागजी निस्तारण किया जा रहा है तो अधिकतर शिकायतों को दूसरे विभागों को ट्रांसफर कर उलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

देवरिया खास निवासी प्रियांक कुमार ने शिकायत दर्ज कराई कि शहर के कोतवाली रोड व अन्य स्थानों पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर आशियाना बना लिया गया है। पुलिस विभाग द्वारा फुटपाथ पर कबाड़ बस व ट्रक खड़े कर दिए गए हैं, जिससे दिन भर जाम लगा रहता है। नपा ने सड़क को लोकनिर्माण विभाग के पास भेज दिया। जैसे-तैसे प्रशासन ने एक सप्ताह पूर्व सड़क से अतिक्रमण हटाने की खानापूरी कर उनको समस्या के समाधान की सूचना दे दी गई। वर्तमान स्थिति यह है कि प्रशासन द्वारा उजाड़े गए आशियाने फिर से आबाद हो गए हैं। पुलिस द्वारा रखे गए वाहनों को तो हटाने की नोटिस तक नहीं दी गई है।

अबूबकर नगर निवासी मुस्तकिम, सरफराज आदि ने शिकायत में कहा कि वार्ड में स्थित मवेशीखाना पर एक सफाईकर्मी द्वारा अपना आशियाना बना लिया गया है। सफाईकर्मी रात में शराब पीकर असामाजिक तत्वों के साथ आता है और गाली-गलौच करता है। नपा द्वारा आवंटन रदकर समस्या के निस्तारण की सूचना तो दी गई, लेकिन उससे मवेशीखाना खाली कराने की जहमत नहीं उठाई गई। वर्तमान में भी सफाईकर्मी भवन पर काबिज है। शांतिनगर वार्ड संख्या-5 निवासी अब्राहम ने वार्ड में सफाई न होने के कारण चारों तरफ गंदगी पसरे होने की आनलाइन शिकायत दर्ज कराई। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए नपा प्रशासन ने एक दिन सफाईकर्मियों को भेजकर वार्ड की सफाई कराई। उसके बाद सफाई कर्मी वार्ड की तरफ नहीं गए। वर्तमान में जगह-जगह गंदगी व कूड़े का ढेर जमा है, जिससे नागरिक परेशान हैं। कागजी कार्रवाई से जिम्मेदारों की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उमानगर निवासी म¨नद्र मिश्र ने वार्ड में चंदा वाटिका के पास सड़कों निर्माण अधूरा छोड़ने की शिकायत की गई। तीन जुलाई को इनके मोबाइल पर समस्या के समाधान का संदेश आ गया। संदेश में ठेकेदार को नोटिस देने की बात कही गई थी। दो माह बाद भी सड़क जस की तस पड़ी हुई है। गिट्टियों पर चलने में लोगों को परेशानी हो रही है। यह तो बानगी भी है। ऐसे सैकड़ों शिकायतें ऐसी है जिनका अभी तक निस्तारण नहीं किया जा सका है।

इस संबंध में अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व/प्रभारी अधिशासी अधिकारी सीताराम गुप्त ने कहा कि समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधा पर किया जा रहा है। अगर किसी कर्मचारी द्वारा विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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