लोकभाषा के शब्दों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करे हिदी

देवरिया में नागरी प्रचारिणी सभागार में हिदी दिवस पर आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 11:00 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 11:00 AM (IST)
लोकभाषा के शब्दों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करे हिदी
लोकभाषा के शब्दों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करे हिदी

देवरिया: नागरी प्रचारिणी सभागार में सोमवार को हिदी दिवस मनाया गया। बीआरडीपीजी कालेज की हिदी विभाग की पूर्व अध्यक्ष डा.प्रेमशीला शुक्ला ने कहा कि आज के इस दौर में लोकभाषाएं तेजी से उभर रही हैं। हिदी अपने लोकभाषाओं से ही खाद-पानी पाती है। हिदी को सभी लोक भाषाओं के शब्दों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करने की जरूरत है। लोकभाषा जन के अंतस की भाषा है।

पूर्व प्राचार्य डा. दिवाकर प्रसाद तिवारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर तक की शिक्षा मातृभाषा में देने पर जोर दिया गया है। अध्यक्ष परमेश्वर जोशी ने अध्यक्षता की। इस मौके पर हृदय नारायण, भृगुनाथ प्रसाद बरनवाल, दिनेश त्रिपाठी, धर्मदेव सिंह आतुर, रामप्रसाद तिवारी, हिमांशु सिंह, गोपाल कृष्ण सिंह रामू, विभूति नारायण ओझा, संजय राव, डा.रमाकांत कुशवाहा, अभिजीत त्रिपाठी, रविभूषण द्विवेदी, आदर्श पांडेय, डा. सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

दीवानी कचहरी में जनपदीय हिदी विधि प्रतिष्ठान की तरफ से हिदी दिवस मनाया गया। संयोजक सुभाष चंद्र राव ने कहा कि हिदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना चाहिए। देश को एक सूत्र में जोड़ रही हिदी

सलेमपुर के सेंट जेवियर्स स्कूल में सोमवार को हिदी दिवस पर वेबिनार का आयोजन किया गया। गीतकार गिरधर करुण ने कहा कि हिदी देश की मातृभाषा है जिसके माध्यम से पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ा जा सकता है। प्रधानाचार्य वीके शुक्ल ने कहा कि हिदी सबके लिए अनिवार्य होनी चाहिए। वेबिनार में गोपाल त्रिपाठी, नागेंद्र तिवारी, रमेश तिवारी, आशुतोष त्रिपाठी ने भाग लिया।

भवानी छापर संवाददाता के अनुसार, क्षेत्र के बखरी बाजार में कवि सम्मेलन व गोष्ठी का आयोजन किया गया। संयोजक डा. वेदप्रकाश तिवारी व मुख्य अतिथि जटाशंकर सिंह रहे। वयोवृद्ध कवि रामेंद्र प्रकाश मिश्र सचित्र ने अपनी रचना हिदी भाषा, संस्कृति और प्यारा हिदुस्तान, हिद देश के हम वासी भारत देश महान प्रस्तुत किया। उनके अलावा कवि मकसूद अहमद भोपतपुरी,अब्दुल कलाम आदि ने रचनाएं सुनाई।

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