बाली वध व लंका दहन की जीवंत लीला देख श्रद्धालु रोमांचित

श्री रामलीला समिति देवरिया के तत्वाधान में रामलीला का मंचन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 10:39 PM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 06:09 AM (IST)
बाली वध व लंका दहन की जीवंत लीला देख श्रद्धालु रोमांचित
बाली वध व लंका दहन की जीवंत लीला देख श्रद्धालु रोमांचित

देवरिया: श्रीराम लीला समिति के तत्वावधान में रामलीला मैदान में चल रही रामलीला के सातवें दिन शनिवार की रात महाऋषि कला केंद्र दिल्ली के कलाकारों ने बाली वध, लंका दहन की लीला का मंचन किया।

रामलीला की शुरूआत में रावण दरबार में सूर्पनखा अपनी व्यथा सुनाती है। रावण मारीच के पास जाकर उसको सोने का हिरण बनाकर सीता के पास भेजता है। साधु रूप में रावण आता है लेकिन लक्ष्मण रेखा के स्पर्श से भयभीत होकर येनकेन प्रकारेण सीता हरण करता है। रास्ते में रावण जटायु का युद्ध होता है। राम जी दर-दर भटकते हुए माता सीता की खोज में निकलते हैं, जहां रास्ते के जटायु का युद्ध करते हैं। राम जी जंगल में शबरी के पास पहुंचते हैं और उनके जूठे बेर भाव विभोर होकर खाते हैं। वह किष्किन्धा का रास्ता बताती हैं और हनुमान जी से मित्रता होती है। बाली वध के बाद हनुमान अशोक वाटिका में माता सीता का पता लगाते हैं। लंका दहन के साथ लीला का विश्राम होता है।

यहां मुख्य रूप से अध्यक्ष अरुण बरनवाल, मंत्री निखिल सोनी, कमलेश मित्तल, सुनील बरनवाल, श्री प्रकाश मिश्र, पूनम मणि, सुबाष मद्धेशिया, डा. सौरभ श्रीवास्तव, राजेंद्र जायसवाल, श्रीचंद गोरे आदि मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी