37 ग्राम पंचायतों की बंजर भूमि बनेगी उपजाऊ
देवरिया : पांच विकास खंडों की 37 ग्राम पंचायतों की कटावग्रस्त क्षेत्र की भूमि को समतलीकरण व
देवरिया : पांच विकास खंडों की 37 ग्राम पंचायतों की कटावग्रस्त क्षेत्र की भूमि को समतलीकरण व बांध बनाकर उपजाऊ बनाई जाएगी ताकि किसान दोगुना पैदावार कर सकें। योजना का लाभ लघु एवं सीमांत किसानों को ही मिलेगा। शासन ने नाबार्ड 23 की भूमि एवं जल संरक्षण योजना के तहत चयन किया गया है। विभाग ने सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही किसानों पर विशेष ध्यान दे रही है। उनकी पैदावार को दोगुना करने के लिए योजनाएं भी संचालित कर रही है। वर्ष 2017-18 में नाबार्ड 23 के तहत भूमि एवं जल संरक्षण योजना के तहत गांवों की उबड़-खाबड़ भूमि व नदी से कटाव ग्रस्त भूमि का समतलीकरण व बांध बनाकर उपजाऊ बनाया जाएगा। इसके लिए पांच विकास खंड के 37 ग्राम पंचायतों को चिह्नित किया गया है। इन गांवों में विभागीय कर्मचारी सर्वे का कार्य कर चिह्नित कर रहे हैं। इसमें सर्वाधित गांव बनकटा विकास खंड के हैं। विभाग इन गांवों को तीन वर्ष में संतृप्त करेगा। इन गांवों में कटाव को रोकने के लिए समतलीकरण, समुच्य रेखीय बांध, मार्जिनल बांध यानी छोटे बांध से बड़े बांध बनाना शामिल हैं।
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ब्लाकवार चयनित गांव
देवरिया : विभाग ने वर्ष 2017-18 के लिए विकास खंड वार गांवों का चयन किया है। इसमें पथरदेवा के मलघोट बिरैचा, डुमवलिया, सेमरहवां, मिश्रौली, तरकुलवा के भिसवां, सिरवनिया, कोन्हवलिया, कोटवा, कमधनेवा, देसही देवरिया के मदरापाली उर्फ भरत राय, दुबौली, पौहारी छापर, कोरवा मान¨सह, नौतन हथियागढ़, बलुअहीं, शाहजहांपुर, कैथवलिया, रामपुर कारखाना के उदयपुरा, सिधुआ, हरपुर कला, गौर कोठी, कुसहरी, लंगड़ा, नौतन, महुआपाटन, बरियारपुर के अलावा बनकटा के 11 ग्राम पंचायत शामिल हैं।
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योजना के तहत गांवों का चयन कर लिया गया है। गांवों में सर्वे कार्य चल रहा है कि कितनी हेक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनाना है। कितने कटावग्रस्त भूमि है तो कितनी भूमि पर मार्जिनल और समुच्य रेखीय बांध बनाए जाएंगे। चयन में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है।
अर्जुन कुशवाहा
भूमि संरक्षण अधिकारी
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