मनीषियों की परंपरा से जुड़ा है एक्यूप्रेशर चिकित्सा : डा.नीरन

देवरिया: एक्यूप्रेशर चिकित्सा शिविर एवं प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन गुरुवार को शहर के महाराजा अग्रसेन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jul 2017 11:39 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jul 2017 11:39 PM (IST)
मनीषियों की परंपरा से जुड़ा है एक्यूप्रेशर चिकित्सा : डा.नीरन
मनीषियों की परंपरा से जुड़ा है एक्यूप्रेशर चिकित्सा : डा.नीरन

देवरिया: एक्यूप्रेशर चिकित्सा शिविर एवं प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन गुरुवार को शहर के महाराजा अग्रसेन अतिथि भवन में मुख्य अतिथि साहित्यकार डा.अरुणेश नीरन ने किया। उन्होंने कहा कि एक्यूप्रेशर चिकित्सा की विधा प्राचीन काल से चली आ रही है। हम इसकी उत्पत्ति चीन से भले मानते हों, लेकिन सच्चाई यह है कि इस विधा का जन्म हमारे ऋषि-मनीषियों के द्वारा ही हुआ है। उस समय आयुर्वेद व एक्यूप्रेशर से ही वह अपनी बीमारियों का इलाज करते थे। आज के दौर में इस विधा की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। बिना दवा के हर व्यक्ति आज स्वस्थ रहना चाहता है। यह प्रशिक्षण शिविर देवरिया की जनता के लिए वरदान साबित होगा।

संयोजक संजय कानोडिया ने कहा कि मानव समाज को रोग मुक्त रखने की यह सबसे अचूक विधा है। पूरे शरीर के असाध्य रोगों का हम हथेली से नसों को दबा कर उसका उपचार कर लेते हैं यह किसी आश्चर्य से कम नही है, लेकिन यह सोलह आना सच है। इसे हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए। मैंने इसे अपनाया और अपनी बीमारी को दूर भगाया है। समाज सेवी विश्वनाथ कनोडिया ने कहा कि इस विधा के ज्ञान से देवरिया के लोग वंचित थे। यह हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं है। बिना खर्च के असाध्य रोगों का इलाज व उपचार मैंने अभी तक न तो सुना था और न देखा था। यह सपने का सच होने जैसा है। भाजपा नेता दीपक मिश्र शाका ने कहा कि आज हजारों की संख्या में लोग दवाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। इस विधा से देवरिया ही नहीं पूरा पूर्वांचल अछूता था। ऐसे आयोजन व इस विधा से परिचय कराने के लिए आप लोग बधाई के पात्र हैं। इसके और प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। प्रशिक्षक डा.एपी चंद्रवंशी ने एक्यूप्रेशर विधा पर विस्तार से प्रकाश और प्रशिक्षण का लाभ उठाने की बात कही। उन्होंने ब्लड प्रेशर, गठिया, मिर्गी, दमा, मोटापा, किडनी, लीवर आदि बीमारियों से बचाव व रोग का उपाय बताया।

यहां नीरज मणि, विकास कनोडिया, विजय प्रसाद, अशोक कुमार अग्रवाल, आनंद कुमार, श्याम सुन्दर भगत, मुकेश कानोडिया, राजू यादव, एडवोकेट कुंवर, आशीष कुमार पांडेय, उदय जायसवाल, पुंजय ¨सह, पुरुषोत्तम भदौरिया, काशीनाथ त्रिपाठी, मनीष कुमार, सुरेन्द्र कुशवाहा, राजेश्वर गुप्ता मौजूद रहे। संचालन सिद्धार्थ मणि त्रिपाठी ने किया।

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