चित्रकूट में निलंबित जेई पर कसेगा आयकर और ईडी का शिकंजा

हेमराज कश्यप चित्रकूट सिचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन पर अब आय से अधिक संपत्ति मामले मे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 11:22 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2020 11:22 PM (IST)
चित्रकूट में निलंबित जेई पर कसेगा आयकर और ईडी का शिकंजा
चित्रकूट में निलंबित जेई पर कसेगा आयकर और ईडी का शिकंजा

हेमराज कश्यप, चित्रकूट : सिचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन पर अब आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का भी शिकंजा कसेगा। बांदा में मकान, कई प्लाट समेत दूसरी प्रापर्टी का ब्योरा सीबीआइ की विशेष टीम ने तैयार कर लिया है। इसकी रिपोर्ट ईडी को सौंपी जाएगी। करोड़ों की काली कमाई करने वाले निलंबित जेई की इससे और मुश्किलें बढ़ेंगी।

सूत्र बतातें हैं कि रामभवन पर अब ईडी का शिकंजा भी जल्द ही कसने वाला है। जल्द ही चित्रकूट और बांदा ईडी की टीम भी आ सकती है। पांच देशों में बच्चों के यौन शोषण के अश्लील वीडियो और फोटो बेचकर कमाए गए रुपयों से बनाई प्रापर्टी की जांच से और रहस्य उजागर होंगे। आरोपित बांदा के गुलाब नगर में आलीशान मकान बनवा रहा था, जबकि प्लाट भी खरीदें हैं। सूत्रों के मुताबिक, बांदा और चित्रकूट जिले में और भी गई बेनामी संपत्तियां उसके पास हैं। ये सभी चाइल्ड पोर्नोग्राफी व विभागीय भ्रष्टाचार के जरिए खरीदने की बातें चर्चा में हैं। सीबीआइ का मानना है कि एक जेई की 10 साल में इतनी कमाई चौंकाने वाली है।

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मलाईदार प्रोजेक्ट में थी तैनाती

आरोपित रामभवन बुंदेलखंड की दो बड़ी सिचाई परियोजना रसिन बांध और अर्जुन सागर का काम देख रहा था। इनमें भूमि अधिग्रहण से लेकर नहर खोदाई व निर्माण की जिम्मेदारी उसके पास ही थी। इसमें भी काफी कमाई अवैध ढंग से करने की बात सामने आ रही है। ऐसे में आय से अधिक संपत्ति का मामला भी आरोपित के खिलाफ दर्ज किया जा सकता है।

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खास तथ्य

- 2009 में चित्रकूट में हुई थी जेई की पहली तैनाती

- 2010 में चौधरी चरण सिंह रसिन बांध परियोजना का बना था प्रभारी

- 2011 में अर्जुन सागर बांध परियोजना कबरई का भी मिला था चार्ज

- 2012 से फिर चित्रकूट में तैनात था निलंबित जेई रामभवन

- 50 से अधिक बच्चों के यौन शोषण का है आरोपित

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