भारतीय बाजार की शान बनेंगे चित्रकूट के खिलौने

हेमराज कश्यप चित्रकूट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना उद्योग को लेकर जो सपना देखा है उसक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 05:34 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 07:02 PM (IST)
भारतीय बाजार की शान बनेंगे चित्रकूट के खिलौने
भारतीय बाजार की शान बनेंगे चित्रकूट के खिलौने

हेमराज कश्यप, चित्रकूट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना उद्योग को लेकर जो सपना देखा है उसको साकार रूप देने में जुट गए हैं। जल्द दी देश में खिलौनों की एक भारतीय खिलौना मार्केट होगी। उसके लिए 27 फरवरी से दो मार्च कर सरकार 'इंडियन टॉय फेयर वर्चुअल मेला' आयोजित करने जा रही है। इस मेला में देश के विभिन्न प्रांतों से खिलौनों के स्टॉल लगेंगे, लेकिन चित्रकूट के लिए खुशखबरी है कि मेला में यहां के 'लकड़ी खिलौना' के भी 18 स्टॉल नजर आएंगे। प्रधानमंत्री ने 30 अगस्त को 'मन की बात' में खिलौना उद्योग पर चर्चा की थी। उत्तर प्रदेश में भी इस उद्योग को लेकर काफी संभावनाएं है क्योंकि चित्रकूट, झांसी, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर जैसे शहरों में लकड़ी, मिट्टी, टेराकोटा आदि के खिलौने बनते हैं। अब इन खिलौनों को देश दुनिया के लोग देख सकेंगे। केंद्र सरकार खिलौना उद्योग को बढ़ावा देने के लिए देश में पहली बार वोकल ़फॉर लोकल के माध्यम से 'इंडियन टॉय फेयर वर्चुअल मेले' का आयोजन कर रही है। इस मेले का उद्देश्य भारतीय खिलौना मार्केट तैयार करना है। इस मेला में शामिल होने के लिए चित्रकूट से भी 18 शिल्पी व उद्यमियों को मौका मिला। वे अपने लकड़ी खिलौनों की प्रदर्शनी लगाएंगे। उनमें काफी खुशी व उत्साह का माहौल है। मेला में यह शिल्पकार लगाएंगे स्टॉल

पुनीत कुमार, अजय कुमार, बलराम राजपूत, धीरज नारायण द्विवेदी, संजय सिंह, रंजीत, विजय कुमार, शुभम, चंद्रभवन, जितेंद्र, रोहित नारायण, जय प्रकाश, गोपाल, पारस गुप्ता, सुशील कुमार, चंदन केसरवानी, राकेश, पप्पू, अजय कुमार। शिल्पकारों के बोल

'कुछ वर्षों पहले यह काष्ट कला विलुप्त होने की कगार थी। लेकिन योगी सरकार ने एक जिला-एक उत्पाद से इस कुटीर उद्योग को फिर से खड़ा करने में मदद की है। अब प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में पहला खिलौना मेला लगा रहे हैं इससे संजीवनी मिलेगी।' बलराम राजपूत - शिल्पकार 'कोरोना ने विकास की गति को धीमी कर दिया था। तब देश में रोज नए प्रयोग हो रहे हैं। ताकि आर्थिक गति को बल मिले। जब लॉकडाउन में चाइनीज और बाहर से अन्य खिलौने आने बंद हो गए, तो लोकल को बढ़ावा मिला है। यह मेला एक बड़ा अवसर है। धीरज नारायण द्विवेदी- शिल्पकार

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इंडियन टॉय फेयर वर्चुअल मेला' से चित्रकूट के लकड़ी खिलौना उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने का अवसर मिलेगा। खुशी की बात है कि बड़ी संख्या में जिले के शिल्पकार इसके हिस्सा बनेंगे। शेषमणि पांडेय - जिलाधिकारी

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