बुंदेली लाल की बनाई 'बुंदेलखंड आत्मनिर्भर योजना' पीएम को पसंद

जागरण संवाददाता चित्रकूट बुंदेलखंड बेरोजगारी पलायन किसानों की आत्महत्या अन्ना पशु और

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 11:22 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 05:09 AM (IST)
बुंदेली लाल की बनाई 'बुंदेलखंड आत्मनिर्भर योजना' पीएम को पसंद
बुंदेली लाल की बनाई 'बुंदेलखंड आत्मनिर्भर योजना' पीएम को पसंद

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : बुंदेलखंड बेरोजगारी, पलायन, किसानों की आत्महत्या, अन्ना पशु और बदहाली के लिए जाना जाता है लेकिन बुंदेली लाल पर्यावरणविद गुंजन मिश्रा ने 22,250 करोड़ की योजना से यह सब दूर करने का दावा किया है और 'बुंदेलखंड आत्मनिर्भर योजना' बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजी है। पीएम ने योजना को पसंद किया है और उसमें पीएमओ कार्यालय काम भी शुरू कर दिया है। योजना कितनी कारगर होगी यह जानने के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय से ज्वाइंट सचिव आइएएस अनूप दुबे ने चित्रकूट निवासी गुंजन मिश्रा से संपर्क किया है।

केन-बेतवा गंठजोड़ से भी कम खर्च

प्रस्तावित योजना में दावा है कि केन बेतवा नदियों के गठजोड़ से आधी धनराशि में ही बुंदेलखंड (चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीपुर, जालौन, ललितपुर और झांसी) के लोगों का जीवन खुशहाल बनाया जा सकता है। इस योजना से किसान आत्महत्या, पलायन, कुपोषण, अन्ना जानवरो की समस्या, उपजाऊ मिटटी का क्षरण, बाढ़ और सूखे जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी। यह है योजना

- पांच हजार करोड़ की लागत से पांच लाख खेत तालाबों बनाकर 150-200 करोड़ घनमीटर बारिश के पानी का संरक्षण

- 1250 करोड़ की लागत से पांच लाख गोबर गैस प्लांट निर्माण

- 250 करोड़ से पांच लाख नाडेप खाद के गड्ढों का निर्माण

- 7500 करोड़ की लागत से पांच लाख सौर ऊर्जा पंप

- 3,250 करोड़ लागत से पांच लाख किसानो के खेतों की सुरक्षा के लिए बाड का इंतजाम

- पांच हजार करोड़ की लागत से किसानो के खेतों पर भवन/गौशाला निर्माण के लिए ब्याज ऋण योजना से लाभ व परिणाम

- दस लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिचाई को पानी

- पांच लाख किसान परिवारों की आजीविका

- दस लाख हेक्टेयर भूमि में जैविक व पोषक अनाजों ( कोदो, कुटकी आदि) का उत्पादन

- दस लाख गोवंश का संरक्षण व संवर्धन

- पांच करोड़ पौधों से सुसज्जित वन-बाग आच्छादन

- दस लाख परिवारों के लिए जैविक सब्जियां

- पांच लाख लोगो को रो•ागार मिलेगा

- बीस लाख लीटर दूध का उत्पादन

- 15 लाख किलोवाट (सौर ऊर्जा) विद्युत उत्पादन इनका कहना है

'16 जुलाई को पीएमओ में प्रस्ताव बनाकर भेजा था। 15 सितबर को रिप्लाइ मेल आया है। आवश्यक कार्रवाई के लिए ज्वाइंट सचिव को कहा गया है। उनका फोन भी आया था।' गुंजन मिश्रा - पर्यावरणविद

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