कोविड वैक्सीन की सुरक्षा में रुकी रफ्तार, दो घंटे में पांच बच्चों का एम्स के डॉक्टरों ने किया मेडिकल

चित्रकूट जेएनएन। कोविड वैक्सीन को लेकर बरती जा रही सतर्कता के चलते एम्स से आए डाक्टरों के क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 05:56 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 05:56 PM (IST)
कोविड वैक्सीन की सुरक्षा में रुकी रफ्तार, दो घंटे में पांच बच्चों का एम्स के डॉक्टरों ने किया मेडिकल
कोविड वैक्सीन की सुरक्षा में रुकी रफ्तार, दो घंटे में पांच बच्चों का एम्स के डॉक्टरों ने किया मेडिकल

चित्रकूट , जेएनएन। कोविड वैक्सीन को लेकर बरती जा रही सतर्कता के चलते एम्स से आए डाक्टरों के काम की रफ्तार शुक्रवार को कुछ धीमी रही। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की टीम ने शुक्रवार को सिर्फ पांच पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण किया। हालांकि कुछ और बच्चे थे लेकिन जिस शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कर्वी में एम्स की टीम पीड़ितों का परीक्षण कर रही थी उसको ही प्रशासन ने कोविड वैक्सीन को स्टोर बनाया है। इसलिए टीम को सुबह सिर्फ दो घंटे के लिए अस्पताल मिल सका था।

50 से अधिक बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाने वाले सिचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन को कानून से कड़ी सजा मिले इसके लिए सीबीआइ कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही है। इसलिए एम्स की टीम लेकर सीबीआइ चित्रकूट में गुरुवार को आई थी। पीड़ित बच्चों का फिजिकल व मानसिक परीक्षण कराया। पहले दिन डेढ़ दर्जन से अधिक छह से 14 साल के बच्चे, युवक व युवतियों का डाक्टरों ने जांच की थी। जबकि शुक्रवार को सिर्फ पांच बच्चों को मेडिकल हो सका। सीएमओ डॉ विनोद कुमार यादव के मुताबिक टीम सुबह दस बजे आई थी और दो घंटा शहरी पीएचसी में रही। सीबीआइ कई गाड़ियों में बारी-बारी से पांच बच्चों को लाई और उनके अभिभावकों के सामने मेडिकल जांच किया। दो दिन में दो दर्जन से अधिक बच्चों का परीक्षण सीबीआइ टीम करा चुकी है।

कैंप कार्यालय में अभिभावकों ने उगले राज

बता दें कि इस मामले में आरोपित जेई रामभवन और उसकी पत्नी दुर्गावती जेल में बंद है। जेई के जेल में जाने के बाद पत्नी गवाहों व पीड़ितों को धमका रही थी। उसके भी जेल जाने के बाद अब अभिभावक खुलकर सीबीआइ को बता रहे हैं। शुक्रवार को करीब एक दर्जन बच्चों के अभिभावकों के सीबीआइ को बयान दर्ज कराए। उन्होंने जेई के हैवानियत के कई राज उगले हैं।

हमीरपुर भी जा सकती है टीम

जेई के हैवानियत के शिकार बच्चों में चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर के हैं दस से 12 साल पहले शोषण का शिकार हुए बच्चे अब जवानी की दहलीज में कदम रख चुके हैं ऐसे बच्चों से एम्स के चिकित्सकों की टीम गहनता के पड़ताल कर रही है। जल्द ही टीम हमीरपुर भी जाएगी। कुछ बच्चे वहां के भी हैं।

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