प्रदेश ने नहीं केंद्र ने बनाया मऊ को नगर पंचायत

चित्रकूट, जागरण संवाददाता : प्रदेश ने नहीं केंद्र सरकार ने मऊ को नगर पंचायत बना दिया है। उसको शहरी क

By Edited By: Publish:Sat, 01 Nov 2014 01:11 AM (IST) Updated:Sat, 01 Nov 2014 01:11 AM (IST)
प्रदेश ने नहीं केंद्र ने बनाया मऊ को नगर पंचायत

चित्रकूट, जागरण संवाददाता : प्रदेश ने नहीं केंद्र सरकार ने मऊ को नगर पंचायत बना दिया है। उसको शहरी क्षेत्र मानते हुए केंद्र ने मनरेगा की बेवसाइड में ग्राम पंचायत की सूची में हटा दिया है। जिससे इस ग्राम पंचायत में मनरेगा का विराम लग गया है। वैसे मऊ के नगर पंचायत बनाने के लिए मुख्यमंत्री भी घोषणा कर चुके हैं लेकिन अभी प्रदेश सरकार की इस पर मोहर नहीं लगी है। जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत मऊ को केंद्र सरकार ने अप्रैल 14 से नगरीय क्षेत्र घोषित कर दिया है और यहां पर मनरेगा का काम बंद करा दिया है। सात माह से यहां पर एक रुपए भी मनेरगा के नाम पर नहीं आया है। इससे यहां के ग्रामीण मजदूरों का काम नहीं मिल रहा है। उनको काम की तलाश में बाहर पलायन करना पड़ रहा है। मऊ तहसील में अभी तक 57 ग्राम पंचायतें थी लेकिन मऊ के नगर बना दिए जाने से अब सिर्फ 56 ही बची हैं।

सीएम ने की थी नगर पंचायत की घोषणा

प्रदेश सरकार भी मऊ को नगर पंचायत बनाना चाह रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 19 जून 13 को पुलिस लाइन मैदान में मऊ को नगर पंचायत बनाने की घोषणा कर गए थे। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि यदि मानक पूरे हैं तो प्रस्ताव बनाकर भेंजे।

यह गया था प्रस्ताव

जनसंख्या - 15556 (वर्ष 2011 की जनगणना)

क्षेत्रफल- 993 हेक्टेयर

आय- 29.46 लाख (टाउन एरिया बनने पर 9 लाख की बृद्धि)

यह गांव थे शामिल- पौसलहा, पहाड़पुरवा, छितिहा, सगरेही, भंट्टा, कुर्मिन का डेरा, मैदाना, काशी का डेरा, छत्रपाल का डेरा, डाक बंगला और रतौरा।

शासन से वापस आ चुका प्रस्ताव

जिला प्रशासन ने 31 जुलाई 13 को प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया था लेकिन बताते हैं कि एक माह पहले शासन ने प्रस्ताव को निरस्त कर वापस प्रशासन को भेज दिया है। सपा जिलाध्यक्ष भइयालाल यादव कहते हैं कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे। मऊ की आबादी 15 हजार से अधिक है। यहां पर कई साल से तहसील मुख्यालय संचालित है इसके बाद भी यह प्रस्ताव क्यों लौटा दिया गया।

दुर्दिन में फंसी मऊ पंचायत

मऊ ग्राम पंचायत को केंद्र सरकार ने नगर मनाते हुए मनरेगा के हटा दिया है और प्रदेश सरकार ने नगर पंचायत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ऐसे में यह ग्राम पंचायत सात माह से दुर्दिन देख रही है।

केंद्र सरकार को लिखा जाएगा पत्र

अपर जिलाधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने मऊ ग्राम नगर पंचायत के मानक को पूरा नहीं पाया है इसलिए प्रस्ताव को वापस कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने बिना नगर पंचायत बने मऊ को कैसे मनरेगा से अलग कर दिया। इसके लिए केंद्र को पत्र लिखा जाएगा।

chat bot
आपका साथी