निजी अस्पताल नहीं दे रहे क्षय रोगियों की जानकारी

बक्षय रोग के इलाज को शासन भले ही गंभीर हो लेकिन निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की मदद नहीं कर रहे। इससे विभाग को क्षय रोगियों की जानकारी नहीं हो पा रही। ऐसे में विभाग को पोषण की राशि भेजने में परेशानी उठानी पड़ रही। वहीं रोग के उन्मूलन पर सवाल खड़ा होने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 05:03 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 05:03 PM (IST)
निजी अस्पताल नहीं दे रहे क्षय रोगियों की जानकारी
निजी अस्पताल नहीं दे रहे क्षय रोगियों की जानकारी

जासं, चकिया (चंदौली) : क्षय रोग के इलाज को शासन भले ही गंभीर हो, लेकिन निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की मदद नहीं कर रहे। इससे विभाग को क्षय रोगियों की जानकारी नहीं हो पा रही। ऐसे में विभाग को पोषण की राशि भेजने में परेशानी उठानी पड़ रही। वहीं रोग के उन्मूलन पर सवाल खड़ा होने लगा है।

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय 2025 तक क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन को समय-समय पर अभियान चलाकर सक्रिय रोगियों की खोज करवाता है। इनका दवा व इलाज मुफ्त में सरकारी अस्पतालों में हो रहा। इसके लिए निजी अस्पतालों को सहयोग करने के लिए कहा गया लेकिन, निजी अस्पताल इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। जिले में तकरीबन डेढ़ हजार लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। जिनका इलाज किया जा रहा। अभी सैकड़ों की संख्या में मरीज हैं, जो घूम रहे हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि उन्हें यह बीमारी है। ऐसा इसलिए है कि वह बीमार होते हैं और सामान्य तौर पर दवा खाने से उन्हें आराम हो जाता, फिर शांत होकर बैठ जाते हैं। लेकिन, रोग की जांच नहीं कराते हैं। इससे रोग का स्थायी निदान नहीं हो पाता। पूर्व में क्षय रोगियों को खोजने के लिए चले सक्रिय अभियान में 150 मरीज खोजे गए। इनके अलावा एमडीआर( मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) के मरीज भी हैं। इन मरीजों के घर जाकर टीबी कर्मी दवा इलाज करते हैं। सक्रिय रोगी खोज अभियान के तीसरे चरण में मरीज मिले थे। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. डीएन मिश्र ने कहा चिकित्सालयों को जिस तरह सहयोग करना चाहिए, वे नहीं कर रहे हैं। इससे परेशानी हो रही है। फिर भी क्षय रोग विभाग पूरा प्रयास कर रहा है कि मरीज अधिक से अधिक खोजे जाएं। टीबी की जांच व इलाज निश्शुल्क है।

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