पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी प्रासंगिक

जागरण संवाददाता पड़ाव (चंदौली) एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय नाम ही नही।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 10:10 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 10:10 PM (IST)
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी प्रासंगिक
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचार आज भी प्रासंगिक

जागरण संवाददाता, पड़ाव (चंदौली) : एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय नाम ही नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे।उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास उनका सपना था। पंडितजी के विचार को जन जन अपने जीवन में आत्मसात करें। इसके लिए पड़ाव को पंडितजी का अंतिम पड़ाव मानते हुए यहां उनकी स्मृति में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति संग्रहालय बनाया गया है।

स्मृति संग्रहालय के बीच में देश में अब तक की उनकी प्रतिमा में सबसे ऊंची 63 फीट पंचधातु की प्रतिमा स्थापित की गई हैं। यहां पर्यटकों को उनके सिद्धांत को जानने का अवसर मिलता है। स्मृति संग्रहालय की दीवारों पर पंडित दीनदयाल के जीवन चरित्र को आकर्षित कलाकृतियों के माध्यम से उकेरा गया है। इससे यहां आने वाले पर्यटक उनके विचारों से अभिभूत हों। वाराणसी व चंदौली जनपद की सीमा पड़ाव में स्थापित यह स्मृति संग्रहालय पर्यटक की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। चंदौली की अलग पहचान बनी है। 16 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने उक्त स्मृति संग्रहालय का लोकार्पण किया था। गृहमंत्री ने किया था शिलान्यास

पांच अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंडित दीनदयाल स्मृति स्थल की घोषणा की और गृहमंत्री ने शिलान्यास किया। पड़ाव चौराहे पर गन्ना विकास संस्थान की करीब 3.67 हेक्टेयर जमीन में पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल बना है। स्मृति स्थल का डीपीआर 126.07 करोड़ का है। पहले फेज में 39.74 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल की कार्यदाई एजेंसी वीडीए (वाराणसी विकास प्राधिकरण) है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 63 फीट ऊंची पंचधातु की प्रतिमा को जयपुर की कंपनी ने बनाया। स्मृति संग्रहालय में यह है खास

प्रतिमा स्थापना के अलावा इंटर प्रिटेशनवॉल पर पत्थर, ओपेन एयरथियेटर, कुंड, मेडिटेशन सेंटर, पॉथवे, एसटीपी निर्माण, लॉन, वॉटर चैनल, पानी फिल्टरेशन यूनिट, एचटी पैनल, गार्ड रूम व बाउंड्री वॉल, सैंड स्टोन आदि का निर्माण हुआ है।

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