एक लाख बच्चों को नहीं मिला स्वेटर, ठिठुरते पहुंच रहे स्कूल

दिसंबर माह का पहला पखवारा बीतने को है लेकिन परिषदीय स्कूलों में शत-प्रतिशत बच्चों को स्वेटर वितरण नहीं हो सका है। करीब एक लाख बच्चे सुबह कड़ाके की ठंड में बिना स्वेटर के ठिठुरते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। शासन से भेजे जा रहे स्वेटर की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे। छात्र-छात्राएं शासन-प्रशासन की नाकामी का दंश झेलने को मजबूर हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 08:12 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 08:12 AM (IST)
एक लाख बच्चों को नहीं मिला स्वेटर, ठिठुरते पहुंच रहे स्कूल
एक लाख बच्चों को नहीं मिला स्वेटर, ठिठुरते पहुंच रहे स्कूल

जागरण संवाददाता, चंदौली : दिसंबर माह का पहला पखवारा बीतने को है, लेकिन परिषदीय स्कूलों में शत-प्रतिशत बच्चों को स्वेटर वितरण नहीं हो सका है। करीब एक लाख बच्चे सुबह कड़ाके की ठंड में बिना स्वेटर के ठिठुरते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। शासन से भेजे जा रहे स्वेटर की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे। छात्र-छात्राएं शासन-प्रशासन की नाकामी का दंश झेलने को विवश हैं।

जिले में 214718 छात्र-छात्राओं को स्वेटर वितरण का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक मात्र 1.5 लाख बच्चों में ही स्वेटर का वितरण हुआ है। करीब 1.10 लाख बच्चे दिसंबर माह में भी बिना स्वेटर के ही स्कूल जाने को मजबूर हैं। इसमें शिक्षा विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन की लापरवाही भी आड़े आ रही है। नवंबर माह के पहले पखवारे से ही विद्यालयों में स्वेटर वितरण की प्रक्रिया आरंभ हुई। विद्यालयों में समारोह का आयोजन कर जनप्रतिनिधि और उच्चाधिकारियों ने बच्चों में स्वेटर वितरण किया लेकिन एक माह में शत-प्रतिशत बच्चों को स्वेटर उपलब्ध नहीं कराया जा सका। कारण शासन से स्वेटर की आपूर्ति की रफ्तार काफी धीमी है। वहीं कई विद्यालयों में बेमेल साइज और खराब क्वालिटी के स्वेटर का वितरण कर दिया गया। इससे बच्चे असहज महसूस कर रहे। किसी भी स्कूल में नहीं बंटा स्वेटर

धानापुर ब्लाक के किसी भी विद्यालय में स्वेटर का वितरण नहीं शुरू हो सका है। इसके चलते ठंड के मौसम में बच्चे स्कूलों के सीलनयुक्त कमरों में बिना स्वेटर के पढ़ने को विवश हैं। बीईओ कन्हैयालाल ने बताया कि अभी तक ब्लाक के लिए स्वेटर उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसके चलते विद्यालयों में वितरण नहीं हो सका। स्वेटर की आपूर्ति होने के बाद बच्चों में वितरित कर दिया जाएगा। साइज बेमेल, असहज महसूस कर रहे बच्चे

चकिया तहसील के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को आधा-अधूरा स्वेटर बांटा गया है। स्वेटर की लंबाई छोटी होने से बच्चे इन्हें पहनकर खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। 26, 28, 30 व 32 नंबर साइज के स्वेटर मिलने से वितरण को लेकर शिक्षक असमंजस में हैं। ब्लाक के परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत 24404 छात्रों के सापेक्ष 12202 स्वेटर की आपूर्ति हुई है। नौगढ़ ब्लाक में कमोवेश यही स्थिति है। गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल

शासन स्तर से भेजे गए स्वेटर की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कटे-फटे स्वेटर मिलने से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। मुगलसराय, चकिया और चहनियां ब्लाक में इस तरह की शिकायतें हैं। स्वेटर के बंडल में कटे-फटे और बिना बांह वाले स्वेटर निकल रहे। हालांकि कार्यदाई संस्था ने खराब माल को वापस करने का भरोसा दिया है। एसएमसी का अधिकार छीनने से परेशानी

शासन ने परिषदीय स्कूलों में स्वेटर वितरण की आपूर्ति अपने हाथ में ले ली है। इसके लिए कार्यदाई संस्था नियुक्त है। संस्था की ओर से आपूर्ति में विलंब किया जा रहा। इसके चलते स्वेटर वितरण में बाधा आ रही। पूर्व में एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) को स्थानीय स्तर पर स्वेटर खरीदने का अधिकार था। इससे स्वेटर खरीद और वितरण का काम तेजी से संपन्न हो जाता था। ''जिले में 54 फीसदी छात्र-छात्राओं में स्वेटर का वितरण किया जा चुका है। 15 दिसंबर तक शत-प्रतिशत बच्चों में स्वेटर का वितरण कर दिया जाएगा। शासन से आपूर्ति के अनुसार वितरण कराया जा रहा।''

-भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए।

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