नहरों में पानी नहीं, नर्सरी की सिंचाई बाधित
धान के कटोरे में खरीफ के पिक सीजन में नहरों में पानी न होने से नर्सरी की सिचाई करने में ही किसान पस्त हैं। जबकि अन्नदाताओं की समस्या से बेखबर जिम्मेदार अफसर मस्त हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बावजूद नहरों व सिल्ट की सफाई को प्रस्ताव नहीं भेजा। इस पर सीडीओ ने नाराजगी जताई है। साथ ही शीघ्र प्रस्ताव न भेजने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, चंदौली : धान के कटोरे में खरीफ के पिक सीजन में नहरों में पानी न होने से नर्सरी की सिचाई करने में ही किसान पस्त हैं। जबकि अन्नदाताओं की समस्या से बेखबर जिम्मेदार अफसर मस्त हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बावजूद नहरों व सिल्ट की सफाई को प्रस्ताव नहीं भेजा। इस पर सीडीओ ने नाराजगी जताई है। शीघ्र प्रस्ताव न भेजने पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मूसाखाड़ व बंधी डिविजन की आधा दर्जन नहरें व माइनरों की पिछले काफी दिनों से सफाई नहीं कराई गई। नहरें सिल्ट से पटी हुई हैं। किसान दिवस में किसानों ने जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के समक्ष जोर-शोर से मुद्दा उठाया था। आरोप लगाया था रैथा माइनर समेत अन्य नहरों की हालत खस्ताहाल है। यदि सिल्ट सफाई व तटबंधों की मरम्मत नहीं कराई गई तो खरीफ सत्र में किसान पानी से वंचित हो जाएंगे। इस पर डीएम ने मनरेगा के जरिए सफाई कराने का निर्देश दिया था। मूसाखाड़ व बंधी डिविजन की आधा दर्जन नहरों की सफाई को प्रस्ताव भेजा जाना था। मनरेगा के जरिए सफाई कराई जानी थी। लेकिन संबंधित विभागों की ओर से कई दिन बीतने के बाद भी प्रस्ताव नहीं भेजा गया। इस पर सीडीओ ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सिचाई विभाग के नोडल व एक्सईएन चंद्रप्रभा जेपी वर्मा को तत्काल प्रस्ताव तैयार करवाकर भेजवाने का निर्देश दिया। बोले, किसानों की समस्या का हर हाल में निस्तारण होना चाहिए। लापरवाही विभागीय अधिकारियों के लिए भारी पड़ सकती है। यदि शीघ्र प्रस्ताव नहीं भेजा, तो विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप