मरम्मत के बाद हाईवे पुल पर भार का परीक्षण

जागरण संवाददाता सैयदराजा (चंदौली) यूपी-बिहार सीमा पर क्षतिग्रस्त एनएच पुल की मरम्मत का काम

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:26 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:26 PM (IST)
मरम्मत के बाद हाईवे पुल पर भार का परीक्षण
मरम्मत के बाद हाईवे पुल पर भार का परीक्षण

जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : यूपी-बिहार सीमा पर क्षतिग्रस्त एनएच पुल की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है। पुल के भार की जांच कराई जा रही है। 16 डंपरों पर 352 टन वजन लादकर खड़ा कराया गया है। 24 घंटे तक चलने वाला परीक्षण सफल रहा तो पुल से वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। इससे हाईवे पर जाम की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। वाहन सवारों को राहत मिलेगी।

क्षमता से अधिक भार लादकर ट्रकों के आवागमन से कर्मनाशा नदी पर बना एनएच पुल दिसंबर 2019 में क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल के दो पिलर टूट गए थे। वहीं सड़क भी धंस गई थी। इससे हाहाकार मच गया था। पुल टूटने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो आवागमन ठप हो गया था। यूपी- बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल समेत चार प्रांतों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया था। सूचना के बाद दिल्ली से आई आरआरआइ (रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट) की टीम ने जांच की थी। वाहनों के आवागमन के लिए कर्मनाशा नदी पर पीपा डालकर वैकल्पिक रूट डायवर्जन बनाया गया था। बारिश के दिनों में आवागमन जारी रखने को स्टील ब्रिज बनाया गया लेकिन भारी वाहनों के आवागमन में वैकल्पिक व्यवस्था कारगर नहीं थी। ऐसे में राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से 11 माह पूर्व पुल की मरम्मत का काम शुरू कराया गया था। मरम्मत काम पूरा होने के बाद फिलहाल पुल की भार क्षमता शुरू कर दी गई है। 16 डंपरों को पुल पर खड़ा कराया गया है। इन पर करीब 352 टन भार लदा है। डंपर 24 घंटे तक पुल पर खड़े रहेंगे। यदि परीक्षण सफल रहा तो जल्द ही पुल से वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। हालांकि राजमार्ग प्राधिकरण ने एहतियात के तौर पर इस बार डिवाइडर बनवाने की योजना बनाई है। वहीं इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि दोनों तरफ से भारी वाहन एक साथ न गुजरने पाएं। प्रोजेक्ट मैनेजर जयशंकर सिंह ने बताया कि पुल की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। फिलहाल परीक्षण किया जा रहा है। यह सफल रहा तो आवागमन शुरू होगा। ब्रिज स्ट्रक्चर मैनेजर धर्मेंद्र सिंह बोले, फोरलेन पुल पर दो अस्थाई डिवाइडर बनाए जाएंगे। ताकि भारी मालवाहक पुल पर एक दूसरे के सामानंतर न गुजर सकें। इससे पुल पर कम लोड पड़ेगा। इसका भी ध्यान रखा जाएगा कि पुल पर कोई भारी वाहन खड़ा न होने पाए।

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