जियो बाउंड्री से बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को मिलेगी मजबूती

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : बुनियादी शिक्षा व्यवस्था की मजबूती और गुणात्मक सुधार को शासन ने अत्याध

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Oct 2019 09:05 PM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2019 09:05 PM (IST)
जियो बाउंड्री से बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को मिलेगी मजबूती
जियो बाउंड्री से बुनियादी शिक्षा व्यवस्था को मिलेगी मजबूती

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : बुनियादी शिक्षा व्यवस्था की मजबूती और गुणात्मक सुधार को शासन ने अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया है। जियो फेंसिग के जरिए परिषदीय स्कूलों की ऑनलाइन घेराबंदी की जाएगी। प्रेरणा तकनीक फ्रेमवर्क की मदद से स्कूल की जियो बाउंड्री तैयार होगी। इसके लिए शिक्षक प्रेरणा एप पर वीडियो रिकाíडंग विकल्प का प्रयोग करते हुए परिसर का एक चक्कर लगाएंगे। जीपीएस लोकेशन तैयार होते ही विद्यालय बेसिक शिक्षा परिषद की रडार पर आ जाएगा। पल-पल की गतिविधियों की जानकारी शासन को प्राप्त होगी रहेगी। स्कूल भवन की मरम्मत और रखरखाव भी बेहतर तरीके से संभव हो सकेगा। लापरवाह शिक्षक कामचोरी नहीं कर सकेंगे सत्र के बीच में परिसर छोड़ने या गैरहाजिर रहने पर आसानी से पकड़ में आ जाएंगे।

अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को प्रेरणा एप की शुरूआत की गई। इसके बावजूद लापरवाही की गुंजाइश समझ में आई तो पूरे विद्यालय परिसर की जियो बाउंड्री कराने की योजना बनाई गई। इस प्रक्रिया के बाद स्कूल की गतिविधियां ऑनलाइन प्रदर्शित होने लगेंगी। पहल से इस तरह मिलेगा फायदा

आने वाले दो से तीन वर्षो में परिषदीय स्कूलों को निजी स्कूलों के समकक्ष खड़ा करने की योजना तैयार की जा रही है। जियो फेंसिग और प्रेरणा एप सरकार के इसी अभियान का हिस्सा हैं। स्कूलों के रखरखाव और मरम्मत के लिए ग्राम प्रधानों पर निर्भरता समाप्त होगी। भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा भी रुकेगा। यूं समझिए कि विद्यालय का कोई भवन खराब है, हैंडपंप बिगड़ गया है या शौचालय क्षतिग्रस्त है तो शिक्षक प्रेरणा तकनीक फ्रेमवर्क के जरिए जैसे ही तस्वीर अपलोड करेंगे शिक्षा परिषद तक पहुंच जाएगी। जियो फेंसिग के जरिए यह तस्दीक कर ली जाएगी कि तस्वीर किस विद्यालय की है और वस्तुस्थिति क्या है। ''जियो फेंसिग के जरिए स्कूलों की जीपीएस लोकेशन तैयार की जा रही है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता और भौतिक वातावरण के सुधार में मदद मिलेगी। सटीक निगरानी भी संभव हो सकेगी।''

-भोलेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए।

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