परिसीमन की तैयारी में शासन, पंचायत राज विभाग से मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता चंदौली त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 06:54 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:54 PM (IST)
परिसीमन की तैयारी में शासन, पंचायत राज विभाग से मांगी रिपोर्ट
परिसीमन की तैयारी में शासन, पंचायत राज विभाग से मांगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, चंदौली : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। ऐसे में शासन ने आरक्षण के लिए पंचायती राज विभाग से नगरीय निकायों में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतों की रिपोर्ट मांगी है। अफसरों ने बताया कि नियमानुसार सीटों के आरक्षण में बदलाव होगा। पिछला आरक्षण व जातीय समीकरण इस बार भी ग्राम पंचायत के आरक्षण का आधार बनेगा।

2015 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुआ था। ऐसे में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल इस वर्ष दिसंबर में समाप्त हो जाएगा। पंचायत चुनाव की तैयारी पहले ही शुरू होनी चाहिए थी लेकिन कोरोना के चलते मामला लटक गया। राज्य निर्वाचन आयोग ने एक अक्टूबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू कराने का आदेश दिया है। ऐसे में शासन हरकत में आ गया है। जिला प्रशासन को पत्र भेजकर नगरीय निकायों में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतों का पूरा विवरण मांगा है। हालांकि चंदौली में किसी नगर पालिका अथवा नगर पंचायत का विस्तार नहीं हुआ है। ऐसे में जिले में कोई भी ग्राम पंचायत नगरीय निकाय में शामिल नहीं हुई है। हालांकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सीटों के आरक्षण में नियमानुसार परिवर्तन होगा। पिछले चुनाव में जिले में 33 फीसद सीटें अनुसूचित जाति व 22 फीसद सीटें पिछड़ा और महिला वर्ग के लिए आरक्षित थीं। शेष सीटें अनारक्षित थीं। इस बार आरक्षित सीटों में परिवर्तन होगा। अनुसूचित के लिए आरक्षित रही सीटों का दूसरे वर्गों के लिए आरक्षण किया जा सकता है। जबकि कुछ सीटें अनारक्षित भी हो सकती हैं। इस पर सभी वर्गों के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। संभावित उम्मीदवार पिछले काफी दिनों से चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। आरक्षण में बदलाव होने से लड़ाई रोचक होने की उम्मीद है। शासन ने परिसीमन के लिए नगरीय निकायों में शामिल ग्राम पंचायतों की रिपोर्ट मांगी है। अपने जिले में ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं है। नियमानुसार आरक्षण निर्धारित होगा। इसके लिए पिछला आरक्षण व संबंधित वर्ग की आबादी ही आधार बनेगी।

-ब्रह्मचारी दुबे, जिला पंचायत राज अधिकारी

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