फर्जी रिपोर्टिंग करने वाले अधिकारियों की खैर नहीं

अपर जिलाधिकारी बच्चालाल ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बाल विकास व पुष्टाहार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों संग बैठक की। इस दौरान राज्य पोषण मिशन के प्रगति की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jan 2020 05:33 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 05:33 PM (IST)
फर्जी रिपोर्टिंग करने वाले अधिकारियों की खैर नहीं
फर्जी रिपोर्टिंग करने वाले अधिकारियों की खैर नहीं

जागरण संवाददाता, चंदौली : अपर जिलाधिकारी बच्चालाल ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बाल विकास व पुष्टाहार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों संग बैठक की। राज्य पोषण मिशन के प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजना की खराब प्रगति पर डीपीओ, सीडीपीओ व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। अफसरों को फर्जी रिपोर्टिंग से बचने की हिदायत दी। चेताया कि यदि सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनपद में 1523 लाल व पीला श्रेणी वाले बच्चे हैं। 70 सुपोषित गांवों को अधिकारियों ने गोद लिया है लेकिन कुपोषण से मुक्ति अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर वेइंग मशीन खरीदने की प्रक्रिया भी धीमी है। जिले के 250 आंगनबाड़ी केंद्रों के सापेक्ष महज 176 केंद्रों के लिए अभी तक वेइंग मशीन खरीदी गई है। इसके चलते कुपोषित बच्चों का नियमित वजन नहीं किया जा रहा। एडीएम ने कहा, नोडल अधिकारी गोद लिए गांवों में नियमित भ्रमण करें। कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में भर्ती कराया जाए। साथ ही कुपोषित बच्चों के माता-पिता को कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाना चाहिए। उनका मनरेगा जाब कार्ड, आवास, शौचालय, राशन कार्ड आदि बनवाया जाना चाहिए। ताकि उन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े। बोले, एनआरसी में भर्ती बच्चों के वजन और शारीरिक स्थिति में सुधार होने पर ही छुट्टी दिलाई जानी चाहिए। कहा, ग्राम प्रधान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपस में समन्वय स्थापित कर वेइंग मशीन खरीदें ताकि बच्चों का नियमित वजन में किसी प्रकार का व्यवधान न आए। अधिकारी अपनी रिपोर्ट में वास्तविकता को दर्शाएं। फर्जी रिपोर्टिंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। डीपीओ पदमकांत शुक्ला, डीपीओ नीलम मेहता, डीआइओएस डा. विनोद राय समेत विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

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