पहले दिन खरीदा गया 60 क्विटल काला धान

पहले दिन खरीदा गया 60 क्विटल काला धान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 06:40 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 10:47 PM (IST)
पहले दिन खरीदा गया 60 क्विटल काला धान
पहले दिन खरीदा गया 60 क्विटल काला धान

जासं, चंदौली : काला धान की बिक्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति शनिवार को समाप्त हो गई। काला चावल कृषक समिति की ओर से नवीन कृषि मंडी में खोले गए काउंटर पर पहले दिन 60 क्विटल धान खरीदा गया। सदर, चहनियां व सकलडीहा के दस किसानों ने 85 रुपये प्रति किलोग्राम मूल्य पर अपनी उपज को बेचा। किसानों को उपज का भुगतान उनके खाते में किया जाएगा। आने वाले दिनों में भी सुबह 11 से शाम छह बजे तक काउंटर पर काला धान की बिक्री की जाएगी।

धान के कटोरे के तकरीबन एक हजार अन्नदाताओं ने बीते खरीफ के सीजन में पांच सौ हेक्टेअर में काला धान की खेती की थी। उपज की बिक्री को लेकर जिला प्रशासन व कृषि विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे थे। इसके मद्देनजर हाल ही में कृषि विभाग के अधिकारियों संग गाजियाबाद की निजी कंपनी के साथ हुई बैठक में कंपनी के प्रतिनिधि सीबी सिंह ने काला धान की बिक्री को सहमति जताई। शनिवार को मुख्यालय स्थित नवीन कृषि मंडी में बाकायदा दुकान नंबर 21 को चिह्नित कर काउंटर बनाया गया। सुबह 11 से छह बजे तक खुले काउंटर पर पहले दिन सदर, चहनियां व सकलडीहा विकास खंड के दस किसान अपनी उपज लेकर पहुंचे। काला चावल कृषक समिति की ओर से किसानों का 60 क्विटल धान खरीदा गया। समिति के पदाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 85 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से काला धान खरीदा जा रहा है। 200 क्विटल धान की खरीद होने के बाद कंपनी समिति को पैसा देगी। इसके बाद किसानों के खाते में भुगतान किया जाएगा। बाजार नहीं मिलने से परेशानी

उपज की बिक्री को लेकर किसानों को बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। इससे किसानों में काला धान की बिक्री को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। उपज की बिक्री आरंभ होने से काला धान की खेती किए किसानों ने राहत की सांस ली है। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि किसान धान को साफ करके बिक्री के लिए लाएं ताकि किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। नवीन कृषि मंडी में खोले गए काउंटर पर पहले दिन 60 क्विटल काला धान खरीदा गया है। बिक्री व भुगतान की जिम्मेदारी कृषक समिति के पदाधिकारियों को दी गई है।

-अमित जायसवाल, कृषि उपनिदेशक।

chat bot
आपका साथी