नोटबंदी : बैंक से रुपये निकालने में जारी रहा संघर्ष

चकिया (चंदौली) : नोट बंदी के बाद से ही पैसा निकालने को लेकर लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले

By Edited By: Publish:Wed, 07 Dec 2016 08:55 PM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2016 08:55 PM (IST)
नोटबंदी : बैंक से रुपये निकालने में जारी रहा संघर्ष

चकिया (चंदौली) : नोट बंदी के बाद से ही पैसा निकालने को लेकर लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नगर में तो लोग जैसे तैसे पैसा निकाल ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के बैंकों की स्थिति बेहद खराब है। बुधवार को नगर स्थित सभी बैंक शाखाओं के एटीएम पर पूर दिन ताला लटके रहे। इसके चलत अधिकांश बैंक शाखाओं में पुरूष-महिलाओं की कतार लगी रही।

नगर के भारतीय स्टेट बैंक, बाँब, पीएनबी, यूबीआई, इलाहाबाद, एसबीआई कृषि शाखा पर पूरे दिन लाइन में लगे रहने के बाद भी पांच सौ से दो हजार रूपये ही मिलते रहे। इसके चलते दूर दराज से घरेलू आवश्कयताओं की पूर्ति के लिए एक मुश्त धनराशि लेने आए लोगों के हाथ निराशा लगी। आरबीआइ ने बैंक से पैसे निकालने के लिए अधिकतम 24 हजार रूपये निकालने की सीमा निधारित की है। लेकिन पिछले सप्ताह से सप्ताह से बैंकों से मामूली धन मिलने के कारण लोग परेशान हैं। ग्रामीण अंचल के लोग पर्याप्त कैश नहीं मिलने के कारण उधारी के तौर पर जैसे तैसे काम निकाल रहे हैं। नगर निवासी मुश्ताक अहमद खां कहते हैं कि बाँब शाखा में घंटों लाइन में लगने के बाद महज चार हजार रूपये ही मिल सके। इससे घर गृहस्थी का कार्य निपटाने में समस्या खड़ी हो गई है। अब दुबारा धन राशि अगले सप्ताह मिलेगी। इसके चलते घरेलू उपयोग की वस्तुओं की खरीदारी करने में जलालत झेलनी पड़ रही है। ग्रामीण अंचल के अधिकांश बैंक शाखाओं के बाहर ग्राहकों को बजट के अनुसार बैंक भुगतान कर रहे हैं। इससे आए दिन हो हल्ला व हंगामें का क्रम जारी हैं। इलिया, नौगढ़, सिकंदरपुर, शिकारगंज, उतरौंत व शहाबगंज में स्थित काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक शाखाओं में कैश ही नदारत हैं। इसके चलते खाता धारक खासे परेशान हैं। खाता धारक ममता देवी, सुरेन्द्र प्रताप, अलगू, रेनू चौरसिया समेत तमाम लोगों ने बताया कि बैंक में कई दिनों चक्कर लगाने के बावजूद बुधवार को भी कैश नहीं मिल सका। इससे चलते परिवार का भरण पोषण करने में काफी परेशानी हो रही है।

chat bot
आपका साथी