जो बनाते हैं फिजां, उन्हीं स्थलों की बिगड़ी सेहत

By Edited By: Publish:Sun, 20 Apr 2014 11:22 PM (IST) Updated:Sun, 20 Apr 2014 11:22 PM (IST)
जो बनाते हैं फिजां, उन्हीं स्थलों की बिगड़ी सेहत

चकिया(चंदौली) : लोकतंत्र के महापर्व में विभिन्न दलों द्वारा चुनावी सभा व रैली के लिए इस्तेमाल होने वाले स्थानों का हाल बेहाल है। चुनाव के दौरान विपक्षियों को ललकारने व खुद को बेहतर शासक साबित करने का दम भरने वाले नेताओं के एजेंडे में कभी वह सभा स्थल नहीं होता। जहां से देश व समाज की तकदीर बदलने का दावा किया जाता है।

पार्टी के दिग्गज नेता चुनावी क्षेत्रों में पहुंच कर संबंधित प्रत्याशियों की हवा बनाने में दिन रात एक किए रहते हैं। संसदीय क्षेत्र में चुनाव के दौरान मुख्यालयों व प्रमुख स्थानों पर कद्दावर नेताओं की जन सभाएं आयोजित की जाती हैं। बात कर रहे हैं स्थानीय सभा स्थलों की। यहां से चुनावी शंखनाद करने वाले नेताओं का पसंदीदा सभा स्थल मां काली मंदिर परिसर व जीआइसी का खेल मैदान। यह दोनों सभा स्थल देश व प्रदेश के दिग्गज नेताओं की उपस्थिति के साक्षी है। सीएम अखिलेश यादव के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुलायम सिंह, राजनाथ सिंह, हेमवती नंदन बहुगुणा, मायावती, लालू प्रसाद यादव, उमा भारती, कमलापति त्रिपाठी, रामप्रकाश गुप्ता ने विभिन्न चुनावों में ऊंचे भव्य मंच से हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित किया है। यहीं नहीं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी, दिवंगत काशीराम, हरिकिशन सिह, सुरजीत, जगजीवन राम ने भी मतदाताओं को अपनी चुटीली व दिल दिमाग को झकझोरने वाली बातों से चुनावी फिजा बदलने का प्रयास किया था। नेताओं के भाषणों पर लोगों ने विचार धारा के अनुरूप मतदान भी किया। क्षेत्र के विकास का दावा करने वाले नेताओं ने सभा स्थल के मैदान की सूरत बदलने का कभी संकेत तक नहीं दिया। नतीजा यह है कि चुनाव दर चुनाव वाहनों, बांस, बल्ली, हेली पैड आदि की व्यवस्था करने में ये मैदान गड्ढों में तब्दील हो गया है।

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