जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल से गूंज उठा नगर

सिखों के दसवें गुरु गोविद सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर नगर में भव्य नगर कीर्तन व शोभायात्रा का आयोजन किया गया। गुरुवार को नगर के गढ़ बस स्टैंड स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार द्वारा गुरु गोविद सिंह जी के 354 वें व श्री गुरुनानक देव जी के 551 साला पर प्रकाश पर्व पर आयोजित नौवा वार्षिक नगर कीर्तन व शोभायात्रा का शुभारंभ पूजा अर्चना के साथ किया। कार्यक्रम के दौरान कमेटी अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह ने कहा कि गुरु गोविद सिंह के बलिदान पर पूरे समाज को गर्व है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 11:31 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 11:31 PM (IST)
जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल से गूंज उठा नगर
जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल से गूंज उठा नगर

जेएनएन, बुलंदशहर। सिखों के दसवें गुरु गोविद सिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य पर नगर में भव्य नगर कीर्तन व शोभायात्रा का आयोजन किया गया। गुरुवार को नगर के गढ़ बस स्टैंड स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार द्वारा गुरु गोविद सिंह जी के 354 वें व श्री गुरुनानक देव जी के 551 साला पर प्रकाश पर्व पर आयोजित नौवा वार्षिक नगर कीर्तन व शोभायात्रा का शुभारंभ पूजा अर्चना के साथ किया। कार्यक्रम के दौरान कमेटी अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह ने कहा कि गुरु गोविद सिंह के बलिदान पर पूरे समाज को गर्व है। शोभायात्रा नगर के गढ़ बस स्टैंड, बुगरासी बस स्टैंड, मेन बाजार, किरन टाकिज रोड़, चांदपुर बस स्टैंड, बुलंदशहर बस स्टैंड, कोतवाली रोड़, पुराना छत्ता, सर्राफा बाजार व मोहल्ला पट्टी डहर आदि मार्गो का भ्रमण कर देर शाम गुरुद्वारा पर आकर समाप्त हुई। यात्रा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी, पांच प्यारे साहिबान, इंटरनेशनल निशान-ए-खालसा गतका ग्रुप पंजाब, अमृतसर के अखाड़ा व दशमेश कीर्तन जत्था, मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के हैरतअंगेज करतब देख लोग दंग रह गए। इस दौरान मांगेराम त्यागी, बबलू चौधरी, मनोज त्यागी, वैभव रस्तोगी, राजेश चौहान, कुलवंत सिंह, परमजीत सिंह, जगजीत सिंह, जोगेंद्र सिंह, रनवीर सिंह, सुजीत कौर, जसजीत कौर, खेम सिंह आदि मौजूद रहे। शबद कीर्तन कर संगत को किया निहाल

बुधवार देर रात मोतीबाग स्थित गुरुद्वारा में लोहड़ी पर्व मनाया गया। रागी जत्थे ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया। श्रद्धालुओं ने कीर्तन कर गुरु की महिमा का बखान किया। गुरु का अूटट लंगर में श्रद्धालुओं को प्रसाद ग्रहण कराया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पारंपरिक तरीके लोहड़ी लजाई। मूंगफली, रेबड़ी, काले तिल आदि अग्नि में स्वाहा करके परिक्रमा की। गीत संगीत की थाप पर एक दूसरे को बधाई दी।

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