रेत के सहरा को भी समंदर कर दे.

नुमाइश पंडाल में कलाकारों ने कव्वाली में बांधा समा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Mar 2019 08:55 PM (IST) Updated:Sun, 17 Mar 2019 08:55 PM (IST)
रेत के सहरा को भी समंदर कर दे.
रेत के सहरा को भी समंदर कर दे.

बुलंदशहर: नुमाइश पंडाल में कलाकारों ने कव्वाली से समां बांध दिया। पंडाल का माहौल मध्यकालीन राजदरबार जैसा हो गया। हर एक प्रस्तुति पर कलाकारों ने दर्शकों की खूब वाह-वाही लूटी। लोगों ने कव्वाली का जमकर आनंद लिया।

शनिवार देर शाम नुमाइश पंडाल में कव्वाली कार्यक्रम की शुरूआत युसूफ पार्टी ने हम दिल में अपने पीर की तस्वीर लाए हैं. से की तो पूरा पंडाल तालियों की गूंज से गूंज उठा। दर्शकों ने हर पेशकश पर वाह-वाही से कार्यक्रम पर रंग चढ़ाया। रिहाना चिश्ती ने हम क्या बनाने आए थे, क्या बना बैठे, कहीं मस्जिद तो कहीं मंदिर बना बैठे. से पंडाल में समां बांध दिया। वहीं एहसान भारती ने घुंघरूओं की ताल पर कव्वाली पेश की। साहीन ने खुदा अपने बंदों पर इनायत रखता है. पेश किया। लोगों ने कव्वाली को खूब पसंद किया। पूरे कार्यक्रम में काव्य प्रेमियों का सैलाब उमड़ा रहा। इस दौरान प्रदीप शर्मा, ओमप्रकाश, मुकुल शर्मा, बीडी शर्मा, दारा शिकोह, अमन वर्मा रहे। वहीं रविवार को बैरन हॉल में आर्य समाज वेद प्रवचन कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में आर्य समाज की शिक्षा पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान समाज के काफी लोग रहे।

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