रजवाहा कटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न

रजवाहा कटने से क्षेत्र के गांव नारऊ और बैरमनगर स्थित खेतों में खड़ी फसल डूब गई। इससे किसानों को लाखों रुपये की क्षति हुई है। आरोप है कि सूचना देने के बाद भी सिचाई कर्मियों के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में तीखा आक्रोश व्याप्त है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 11:07 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 11:07 PM (IST)
रजवाहा कटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न
रजवाहा कटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न

बुलंदशहर, जेएनएन। रजवाहा कटने से क्षेत्र के गांव नारऊ और बैरमनगर स्थित खेतों में खड़ी फसल डूब गई। इससे किसानों को लाखों रुपये की क्षति हुई है। आरोप है कि सूचना देने के बाद भी सिचाई कर्मियों के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में तीखा आक्रोश व्याप्त है।

पहासू के पलराझाल नहर से एक रजवाहा निकलकर छतारी क्षेत्र के बैरमनगर, नारऊ समेत कई गांवों से होकर जाता है। सोमवार रात रजवाहा कटने से बैरमनगर, नारऊ गांव स्थित खेतों में पानी भर गया। सुबह जब ग्रामीणों ने देखा, तो उनकी सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई थी। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। आनन-फानन में किसान रजवाहे से निकल रहे पानी को रोकने में लगे रहे। रजवाहा कटने से नारऊ गांव के बिशंभर दयाल, सुनील डीलर, मधुसूदन, अरुण शर्मा तथा बैरमनगर के किशोरी लाल, डोरी लाल, चीनपति सिंह, राम सिंह आदि किसानों की खड़ी फसल जलमग्न हो कर नष्ट हो गई। पीड़ित किसानों का कहना है कि फसल डूबने से उनकी साल भर की मेहनत पल भर में खत्म हो गई। उनके ऊपर जो कर्ज है वह और बढ़ जाएगा। किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उधर सूचना के बाद भी सिचाई विभाग का कोई भी कर्मी नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

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