सरकारी अस्पताल में सुधार की काफी गुंजाइश

कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में काफी सुधार किया गया है। सुविधाओं पर विशेष ध्यान देते हुए अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट समेत अन्य सुविधाओं को दुरुस्त किया लेकिन अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है। जिससे गंभीर मरीजों को मेरठ समेत अन्य स्थानों तक की भागदौड़ करने के लिए मजबूर ना होना पड़े।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Jan 2022 06:44 PM (IST) Updated:Sun, 23 Jan 2022 06:44 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में सुधार की काफी गुंजाइश
सरकारी अस्पताल में सुधार की काफी गुंजाइश

बुलंदशहर, टीम जागरण। कोरोना की दूसरी लहर के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में काफी सुधार किया गया है। सुविधाओं पर विशेष ध्यान देते हुए अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट समेत अन्य सुविधाओं को दुरुस्त किया, लेकिन अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है। जिससे गंभीर मरीजों को मेरठ समेत अन्य स्थानों तक की भागदौड़ करने के लिए मजबूर ना होना पड़े।

खुर्जा के जटिया अस्पताल परिसर में जहां पूर्व में कई सुविधाओं का अभाव था। वहीं अब सुविधाओं तो भरपूर हैं। यहां पर सिटी स्कैन मशीन की सुविधा भी है। प्रतिदिन काफी संख्या में लोग इस सुविधा का निश्शुल्क लाभ उठाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल परिसर में ओटी, पर्याप्त वार्ड, ओपीडी आदि की सुविधाएं भी हैं। इसके अलावा एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की मशीनें हैं, लेकिन यह मशीनें सफेद हाथी बनी पड़ी हैं। क्योंकि इनके संचालन के लिए टेक्नीशियन नहीं हैं। ऐसे में इस सुविधा का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं अस्पताल में पैथोलाजिस्ट समेत कई चिकित्सकों का अभाव भी है। जिसके चलते ही काफी मरीजों को बाहरी अस्पतालों की तरफ रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वहीं राजकीय महिला अस्पताल, मुनि सीएचसी समेत अन्य अस्पतालों में भी चिकित्सकों की कमी है। यहीं कारण है कि जनपद के लोग पिछले काफी समय से यहां बेहतर सुविधाओं की मांग करते हुए आ रहे हैं। हालांकि इस मांग को देखते हुए जनपद में मेडिकल कालेज के निर्माण की आधारशिला रख चुकी है।

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पोर्टेबल हेल्थ केअर यूनिट में हैं 100 बेड

जनपद में जटिया अस्पताल एकमात्र ऐसा अस्पताल है। जहां पर पोर्टेबल हेल्थ केअर यूनिट है। जिसमें 100 बेड की सुविधा उपलब्ध है। जिसमें वर्तमान में कोरोना संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा अस्पताल में 70 बेड ओमिक्रान समेत कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग से बनाए गए हैं।

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चिकित्सकों की कमी हो पूरी, तो सुधरे हालत

खुर्जा के जटिया अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है। ऐसे में यहां आने वाले मरीज चिकित्सकों के अभाव में परेशान होते हैं। उन्हें मजबूरी में मेरठ, अलीगढ़, दिल्ली, गाजियाबाद आदि जगह उपचार कराने जाने को मजबूर होना पड़ता है।

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इन्होंने कहा..

एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की मशीनें अस्पताल में हैं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं हैं।। इसके अलावा कई चिकित्सकों समेत कर्मियों का अभाव है।

--डा. अजीत बावा, सीएमएस जटिया अस्पताल खुर्जा

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