गोवंश को आश्रय देने में कृषि प्रधान जिला मंडल में अव्वल
बॉउल ऑफ मिल्क और कृषि प्रधान जिले के नाम से प्रख्यात बुलंदशहर गोसेवा के मामले में मंडल में सबसे आगे है। मेरठ हापुड गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में संरक्षित गोवंश की संख्या एक साथ भी मिला दें तो भी बुलंदशहर के बराबर नहीं होती। गोआश्रय स्थलों का शासन द्वारा प्रत्येक जिले में निरीक्षण चल रहा है। संयुक्त निदेशक टीम के साथ जिले में निरीक्षण कर रहे हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन। बॉउल ऑफ मिल्क और कृषि प्रधान जिले के नाम से प्रख्यात बुलंदशहर गोसेवा के मामले में मंडल में सबसे आगे है। मेरठ, हापुड, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में संरक्षित गोवंश की संख्या एक साथ भी मिला दें तो भी बुलंदशहर के बराबर नहीं होती। गोआश्रय स्थलों का शासन द्वारा प्रत्येक जिले में निरीक्षण चल रहा है। संयुक्त निदेशक टीम के साथ जिले में निरीक्षण कर रहे हैं। बतौर जनपद के नोडल अधिकारी और संयुक्त निदेशक आनंदवीर सिंह सोलंकी यहां जिला प्रशासन गोवंश पालन के मामले में काफी संजीदा है और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। गोआश्रय स्थलों पर चाहरीदीवारी, पर्याप्त चारा, पानी की व्यवस्था, खोर और चारा भंडारण तथा चिकित्सीय सेवा जनपद में चुस्त दुरुस्त है। 15 सितंबर से गोआश्रय स्थलों के नोडल अधिकारी और संयुक्त निदेशक आनंदवीर सिंह सोलंकी ग्रामीण और नगर क्षेत्र स्थित गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने अभी तक करीब 40 गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण कर लिया है। उन्होंने जिले की आश्रय स्थलों को अच्छा बताया।
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नजीर बना भौंपुरा का गोआश्रय स्थल
जहांगीराबाद क्षेत्र के गांव भौंपुरा में ग्राम प्रधान पति गोआश्रय स्थल पर संरक्षित गोवंश के गोबर से धार्मिक मूर्तियां बना रहे हैं। इन मूर्तियों की आपूर्ति बाहरी राज्यों तक है और बजट के अभाव के बावजूद इन मूर्ति से होने वाली आमदनी गोवंश को चारे का संकट नहीं आने देती।
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ये हैं मंडल के हालात
हापुड़
गोआश्रय स्थल संरक्षित गोवंश
ग्रामीण क्षेत्र 35 1234
नगर क्षेत्र 5 612
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मेरठ
ग्रामीण क्षेत्र 12 2236
नगर क्षेत्र 3 403
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गौतमबुद्धनगर
ग्रामीण क्षेत्र 10 1584
नगर क्षेत्र 13 2427
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गाजियाबाद
ग्रामीण क्षेत्र 16 1417
नगर क्षेत्र 7 2143
.. बुलंदशहर
ग्रामीण क्षेत्र 135 10061
नगर क्षेत्र 17 2485
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इन्होंने कहा..
गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश की सेवा के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं। मंडल में सबसे आगे होने पर पशुपालन विभाग, पालिकाएं और संबंधित अधिकारियों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। कुछ गोआश्रय स्थलों पर चारागाह और नेपियर ग्रास की पौध लगाने का कार्य अगले माह से शुरू हो जाएगा।
-अभिषेक पांडेय, सीडीओ।