पानी का सीना चीरकर गोल्ड मेडल झटक रही शिवानी

बुलंदशहर में साधारण परिवार में जन्मी शिवानी कैनोइंग के गेम में गोल्ड मेडल जीत चुकी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 10:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 10:41 PM (IST)
पानी का सीना चीरकर गोल्ड मेडल झटक रही शिवानी
पानी का सीना चीरकर गोल्ड मेडल झटक रही शिवानी

बुलंदशहर: डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि पंख हर किसी व्यक्ति के पास होते हैं। बस जरूरत है तो उन्हें पहचान कर उड़ान भरने की। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप संपन्न परिवार से हैं या फिर गरीब परिवार से। तमाम विपरीत परिस्थितियों को पीछे छोड़कर ऐसी ही उड़ान भर चुकी है जिले के सिकंदराबाद ब्लाक क्षेत्र के महीपा जहांगीर गांव निवासी शिवानी। उसने केनोइंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया तो सरकार ने भी प्रतिभा का सम्मान किया। सरकार ने इस प्रतिभावान खिलाड़ी को एसएसबी में कांस्टेबल पद पर तैनात किया है।

शिवानी के पिता भूमिहीन किसान हैं। वह कृषि भूमि ठेके पर लेकर खेती करके परिवार पालते हैं। परिवार में शिवानी के अलावा उसका एक बड़ा भाई, बड़ी बहन के अलावा एक छोटी बहन भी है। सभी भाई-बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं। मां गृहिणी हैं। शिवानी ने बताया कि उनके मामा शांति स्वरूप केनोइंग के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। साल 2016 में उत्तर प्रदेश बोर्ड से इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी से पास करने के बाद मामा को लगा कि वह केनोइंग में बेहतर करियर बना सकती है। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा।

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यूपी की ओर से खेलते हुए झटके थे छह पदक

मामा की प्रेरणा से कोच पीयूष शर्मा की देखरेख में अभ्यास शुरू किया तो साल 2016 में ही हिमाचल प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए उन्होंने कुल छह स्वर्ण पदक जीते। इस प्रतियोगिता से उसके हौसले और बुलंद हो गए। साल 2017 में इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में सीनियर वर्ग में एक ब्रॉन्ज पदक जीता। इसके बाद जनवरी 2018 में भोपाल में हुई प्रतियोगिता में उन्होंने केरल की खिलाड़ी को हराकर तीन सिल्वर पदक जीते। प्रत्येक प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर सरकार ने शिवानी को सम्मान स्वरूप एसएसबी में कांस्टेबल पद पर तैनात किया गया।

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अभी भी जारी है अभियान

शिवानी ने बताया कि बेशक एसएसबी में तैनात मिल गई हो लेकिन देश को गोल्ड मेडल दिलाना लक्ष्य है। सेना की ओर से अभी भी वह तैयारी में जुटी हैं। केनोइंग के साथ ही वह उम्दा धावक भी हैं। बीते साल जून में चंडीगढ़ में 15 किलोमीटर की राष्ट्रीय स्तर की मैराथन में अपने विभाग का नेतृत्व किया था। इसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। इसी प्रतियोगिता में एक हजार मीटर, 500 और दो सौ मीटर की दौड़ में चार सिल्वर व एक ब्राउंज मेडल जीते थे। उन्होंने बताया कि 21 से 24 फरवरी तक दिल्ली में राष्ट्रीय केनोइंग प्रतियोगिता होगी। इसके लिए वह पूरी तैयारी में है। उम्मीद जताई कि वह अपने विभाग के लिए गोल्ड मेडल लेकर आएगी।

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