पहले गिनाए काम बाद में जय जय श्रीराम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिदुत्व की छवि के लिए जाने जाते हैं। अधिकांश रैलियों में उनके भाषण की शुरुआत हिदुत्व और भगवान श्रीराम के जयकारे से ही होती है लेकिन उपचुनाव की इस रैली में योगी का अंदाज बदला नजर आया। यहां पहले उन्होंने विकास कार्य व उपलब्धियां गिनाई और इसके बाद राम मंदिर और जय जय श्रीराम की याद दिलाई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 11:26 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 11:26 PM (IST)
पहले गिनाए काम बाद में जय जय श्रीराम
पहले गिनाए काम बाद में जय जय श्रीराम

बुलंदशहर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिदुत्व की छवि के लिए जाने जाते हैं। अधिकांश रैलियों में उनके भाषण की शुरुआत हिदुत्व और भगवान श्रीराम के जयकारे से ही होती है, लेकिन उपचुनाव की इस रैली में योगी का अंदाज बदला नजर आया। यहां पहले उन्होंने विकास कार्य व उपलब्धियां गिनाई और इसके बाद राम मंदिर और जय जय श्रीराम की याद दिलाई।

नुमाइश मैदान पर आयोजित रैली में भाषण की शुरुआत उन्होंने भारत माता के नारे लगवाकर की और दिवंगत सदर विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की स्मृतियों को याद दिलाते हुए प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्य व कल्याणकारी योजनाएं गिनाई। अपराधियों और माफियाओं पर की जा रही कार्रवाई की जानकारी देते हुए उन्होंने किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लाभ बताए। इसके बाद जातिवाद और विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि 2017 से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ को निकालने नहीं दिया जाता था लेकिन अब कांवड़ यात्रा पर फूल बरसाए जाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त बिजली कनेक्शन, मुफ्त गैस कनेक्शन, किसान सम्मान निधि, नेशनल हाइवे, आयुष्मान भारत योजना, पारदर्शिता से नौकरियां देने समेत तमाम योजनाओं को गिनाया। इसके बाद हिदुत्व की झलक दिखाते हुए कहा कि विपक्षी मजाक लेते थे, कि भाजपा वाले मंदिर बनाने की तारीख नहीं बताएंगे लेकिन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की नींव रख दी। अंत में उन्होंने जय-जय श्रीराम के नारे लगवाए।

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