चुनावी शोर में ठिठका सामुदायिक शौचालयों का निर्माण

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामूदायिक शौचालय का निर्माण किया जाना है। जिला प्रशासन की लापरवाही का आलम ये है कि 119 ग्राम पंचायतों में सामूदायिक शौचालय निर्माण के लिए जगह ही नहीं खोज पाया। जमीन की खोज की जाती है और फाइल में आकर रुक जाती है लेकिन जमीन मयस्सर नहीं हो पा रही है। हालात ये हैं कि सात माह में 119 गांवों में जिला प्रशासन की टीम सामूदायिक शौचालय निर्माण के लिए जगह तलाश नहीं कर पाई। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक होने के चलते योजना को पूर्ण करने के लिए पंचायत राज विभाग के पास समय नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों को योजना का लाभ कैसे मिल पाएगा और इनकी जिम्मेंदारी निभाने वाले महिला संगठनों का क्या होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 10:43 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 10:43 PM (IST)
चुनावी शोर में ठिठका सामुदायिक शौचालयों का निर्माण
चुनावी शोर में ठिठका सामुदायिक शौचालयों का निर्माण

बुलंदशहर, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामूदायिक शौचालय का निर्माण किया जाना है। जिला प्रशासन की लापरवाही का आलम ये है कि 119 ग्राम पंचायतों में सामूदायिक शौचालय निर्माण के लिए जगह ही नहीं खोज पाया। जमीन की खोज की जाती है और फाइल में आकर रुक जाती है लेकिन जमीन मयस्सर नहीं हो पा रही है। हालात ये हैं कि सात माह में 119 गांवों में जिला प्रशासन की टीम सामूदायिक शौचालय निर्माण के लिए जगह तलाश नहीं कर पाई। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नजदीक होने के चलते योजना को पूर्ण करने के लिए पंचायत राज विभाग के पास समय नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों को योजना का लाभ कैसे मिल पाएगा और इनकी जिम्मेंदारी निभाने वाले महिला संगठनों का क्या होगा।

जनपद की 951 ग्राम पंचायतों में सामूदायिक शौचालय निर्माण की योजना को अमली जामा नहीं पहनाया गया है। पांच गांव औद्योगिक क्षेत्र में शामिल होने के चलते इन्हें योजना से बाहर कर दिया गया था। ऐसे में 946 ग्राम पंचायतों में ही सामूदायिक शौचालय का निर्माण होना था। बीडीओ और तहसील स्तर से ग्राम पंचायतों का सत्यापन कराया गया तो 13 ग्राम पंचायतों में पूर्व से ही सामूदायिक शौचालय का निर्माण हो रखा था। पंचायत राज विभाग ने दौड़भाग की तो 690 ग्राम पंचायतों में सामूदायिक शौचालय का निर्माण पूर्ण हुआ। 31 ग्राम पंचायतों में चुनाव के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा और 94 में काम जारी दर्शाया गया है। हालांकि इनमें काम पूर्णतया बंद है। जिले की 119 ग्राम पंचायतों में जमीन मयस्सर नहीं हुई तो फिर से भागदौड़ शुरू हुई लेकिन अभी तक परिणाम ढाक के तीन पात ही साबित हो रहे हैं।

चरौरा प्रधान ने दी अपनी जमीन

डीएम रविद्र कुमार ने जनपदवासियों से अपील की कि जो किसान अथवा ग्रामीण अपनी जमीन सामूदायिक शौचालय निर्माण के लिए जमीन देगा। उस किसान का शिलापट सामूदायिक शौचालय पर लगाया जाएगा। लेकिन इसका असर भी लोगों पर नहीं दिखाई दिया। जहांगीराबाद ब्लॉक के गांव चरौरा में निवर्तमान ग्राम प्रधान रामपाल सिंह ने जिलाधिकारी की अपील को मानते हुए स्वयं की जमीन सामूदायिक शौचालय के लिए दान की है।

इन्होंने कहा..

118 ग्राम पंचायतों में जमीन की तलाश जारी है, जल्द ही शत-प्रतिशत सामूदायिक शौचालयों को निर्माण पूर्ण कराया जाएगा। डीएम की अपील का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।

-नंदलाल, डीपीआरओ।

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