ग्रामीणों ने खो नदी पर बनाया अस्थाई पुल
इसके अलावा शेरकोट हरेवली आदि स्थानों पर सेवा शिविर भी लगने शुरु हो गए हैं। इनमें कांवड़ियों के लिए दवाई से लेकर खाने-पीने की मुफ्त सुविधा रहती है। पुल बनाने में हरज्ञान सिंह दानवीर सिंह रामपाल सिंह सतीश कुमार आदि ग्रामीणों का सहयोग रहा।
बिजनौर, जेएनएन। महाशिवरात्रि के मद्देनजर कांवड़ मेला शुरु हो गया है। शिवभक्त हरिद्वार से गंगा जल लेकर गंतव्य को लौटने लगे हैं। इसके चलते कांवड़ियों की सहूलियत के लिए नंदगांव के ग्रामीणों ने गांव से होकर बह रही खो नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण किया है। इस पुल से कांवड़ियों का आवागमन शुरु हो गया है। इससे काशीपुर क्षेत्र की ओर जाने वाले कांवड़ियों का दस किलोमीटर रास्ता कम हो जाएगा।
शेरकोट के गांव नंदगांव से होकर खो नदी बह रही है। यहां के ग्रामीण हर वर्ष कांवड़ियों की सहूलियत के लिए खो नदी पर अस्थाई पुल का निर्माण करते हैं। इससे हरिद्वार से आने कांवड़ लेकर लेकर आने वाले कांवड़िए नगीना से नाथाडोई, कोटरा, नंदगांव आदि स्थानों से होते हुए सीधे शेरकोट में स्थित ईदगाह के पास निकलते है। यहां से हरेवली तिराहे से होते हुए काशीपुर, रुद्रपुर, रामनगर, जसपुर आदि स्थानों को कांवड़िए जाते हैं। इससे कांवड़िए धामपुर आने से बच जाते हैं तथा उनकी करीब 10 किलोमीटर की दूरी भी कम हो जाती है। रविवार को इस पुल से कांवड़ियों का आवागमन शुरु हो गया है। इसके अलावा शेरकोट, हरेवली आदि स्थानों पर सेवा शिविर भी लगने शुरु हो गए हैं। इनमें कांवड़ियों के लिए दवाई से लेकर खाने-पीने की मुफ्त सुविधा रहती है। पुल बनाने में हरज्ञान सिंह, दानवीर सिंह, रामपाल सिंह, सतीश कुमार आदि ग्रामीणों का सहयोग रहा।