वर्चस्व की लड़ाई में गई बाघिन की जान

कार्बेट पार्क में वर्चस्व की लड़ाई में घायल हुई एक बाघिन की मौत हो गई। दो चिकित्सकों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 10:49 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 06:05 AM (IST)
वर्चस्व की लड़ाई में गई बाघिन की जान
वर्चस्व की लड़ाई में गई बाघिन की जान

बिजनौर जेएनएन। कार्बेट पार्क में वर्चस्व की लड़ाई में घायल हुई एक बाघिन की मौत हो गई। दो सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान वन विभाग के अफसर और कार्बेट फाउंडेशन स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। पोस्टमार्टम के बाद बाघिन के शव को जला दिया गया।

कार्बेट पार्क की झिरना वन रेंज में झिरना स्त्रोत के कंपार्टमेंट संख्या आठ में नौ साल की एक बाघिन के दर्द से कराहने की आवाज सुनकर गश्ती दल ने उसे तलाशा। उच्चाधिकारियों को सूचित किया। घायल बाघिन को बचाने के लिए वनकर्मियों ने उसके सामने मांस डाला। तमाम कोशिशों के बावजूद बाघिन ने शुक्रवार को दम तोड़ दिया। बाघिन की मौत की खबर से विभाग में अफराफरी मच गई। कार्बेट पार्क एवं तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर के दो सदस्यीय पशु चिकित्सकों की टीम ने शव का पोस्टमार्टम किया। बाघिन के गले और शरीर पर अनेक जगह घाव थे, जिनमें कीड़े रेंग रहे थे। कार्बेट पार्क के उपप्रभागीय वनाधिकारी केएस खाती ने बताया कि आपसी संघर्ष में बाघिन की जान गई है। वन विभाग के गश्ती दल के वनकर्मी पालतू हाथियों पर बैठकर संघर्ष में शामिल रहे दूसरे बाघ की तलाश कर रहे हैं।

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