पराली और मिट्टी के नाम पर न हो उत्पीड़न

निजी कार्य के लिए अपने खेत से मिट्टी लाने और पराली जलाने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न न हो यदि किसी भी किसान के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई तो आंदोलन किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 10:59 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 06:02 AM (IST)
पराली और मिट्टी के नाम पर न हो उत्पीड़न
पराली और मिट्टी के नाम पर न हो उत्पीड़न

बिजनौर, जेएनएन: निजी कार्य के लिए अपने खेत से मिट्टी लाने और पराली जलाने के नाम पर किसानों का उत्पीड़न न हो, यदि किसी भी किसान के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई तो आंदोलन किया जाएगा। यह बात किसानों ने गुरुवार को तहसीलदार से कही। तहसील परिसर में आयोजित बैठक में किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं। उनका कहना है कि यदि कोई अवैध रूप से खनन कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

गुरुवार को तहसील सभागार में 'टिकैत दिवस' आयोजित किया गया। इस दौरान भाकियू के तत्वाधान में किसानों ने तहसीलदार चंद्रकांता के साथ बैठक की। तहसील अध्यक्ष देवराज सिंह ने कहा कि गन्ने का भुगतान 14 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पराली, पत्ती जलाने के नाम पर किसी भी किसान का उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए। जब तक किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं मिलता, तब तक उन पर बिजली का बिल जमा करने का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा मीठेपुर निवासी एक व्यक्ति ने तहसीलदार के समक्ष अपनी समस्याएं रखी। उसका आरोप था कि सिचाई विभाग द्वारा उसके करीब चार लाख रुपये नहीं दिए गए हैं। उसने वर्ष 2011 व 13 में नहरों की सफाई का ठेका लिया था। इसके अलावा किसानों की अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की गई। बाद में उन्होंने मांगों से संबंधित ज्ञापन तहसीलदार चन्द्रकांता को सौंपा। इस दौरान शुगर मिल अधिकारी मनोज कुमार, बिजली विभाग के एसडीओ हर्षित कुमार व दयाशंकर के अलावा चौधरी गजेन्द्र सिंह टिकैत, दुष्यंत राणा, चेतन सिंह, प्रेम सिंह, सुशील सिंह, निजामुद्दीन, संजीव कुमार आदि उपस्थित रहे।

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