शरद त्यागी ने नौकरी छोड़ खेती में स्थापित किए नए आयाम

बिजनौर : बाजार में चीनी के दामों में गिरावट की वजह से जब गन्ने की बेकदरी होने लगी, तो किसान गन्ने की

By Edited By: Publish:Mon, 23 May 2016 09:30 PM (IST) Updated:Mon, 23 May 2016 09:30 PM (IST)
शरद त्यागी ने नौकरी छोड़ खेती में स्थापित किए नए आयाम

बिजनौर : बाजार में चीनी के दामों में गिरावट की वजह से जब गन्ने की बेकदरी होने लगी, तो किसान गन्ने की खेती से मुंह मोड़ने लगे। इसी क्रम में करौंदा चौहदहड़ गांव निवासी शरद त्यागी निराश नहीं हुए और उन्होंने नौकरी छोड़कर गन्ना खेती करने की ठान ली। वह लोगों के उपहास का केन्द्र बने, लेकिन उन्होंने जो गन्ना खेती में नए आयाम स्थापित किए। आज लोग उनकी सराहना कर रहे हैं।

शरद त्यागी आर्मी में नौकरी करते थे। उनके पिता की तबियत खराब रहती थी। इस कारण खेती नहीं हो पा रही थी। परिवार के साथ रहने और खेती करने के लिए उसने आर्मी की नौकरी छोड़ दी और फिर वह खेती में लग गए। शरद त्यागी ने बताया कि खेती उजडती देख और परिवार की मदद के लिए उन्होंने यह कदम उठाए। उन्होंने बताया कि जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश ¨सह से प्रेरित होकर बालाबाली के किसान ब्रह्मपाल ¨सह व तिसौतरा निवारी किसान कल्लू ¨सह के प्लाट देखकर टैंच विधि से गन्ना बुआई की। गत सीजन आधा बीघा खेत में टैंच विधि से गन्ना बुआई करके न सिर्फ सहफसली में लाभ कमाया, बल्कि गन्ना उत्पादन 130 कुंतल प्रतिबीघा के हिसाब से उत्पादन प्राप्त किया। शुरू में थोड़ी परेशानी उठानी पड़ी, लेकिन उनके साथ डीसीओ का मार्गदर्शन होने के चलते सफलता प्राप्त कर ली। वर्तमान में शरद ने 43 बीघा टैंच विधि से गन्ना बुआई कर रखी है। उक्त विधि से गन्ने के साथ कई सहफसल की जिससे उन्हें लाभ मिला है। अफसरों की टीम और क्षेत्र के अनेक किसान उनके खेत पर आते है और उसने टिप्स लेते हैं। शरद त्यागी ने दावा किया था इस बार उनका उत्पादन दो सौ कुंतल प्रतिबीघा के हिसाब से आएगा।

उधर, जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश ¨सह ने बताया कि उन्होंने स्वयं उनके गन्ने का निरीक्षण किया है। प्लाट में गन्ना नम्बर वन खड़ा है। सब कुछ ठीक रहा, तो वह जिले में प्रथम श्रेणी में रहेंगे।

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