आलू में पाला की मार, सरसो में माहों का खतरा
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) ठंड व गलन दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। पिछले सप्ताह में
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : ठंड व गलन दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। पिछले सप्ताह में हुए बदलाव के साथ बादल व कोहरे का असर भी दिखाई देने लगा है। इस तरह से बदल रहा मौसम आलू व फूल लेती सरसों फसल के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है। आलू में पाला तो सरसों में माहों रोग का खतरा बढ़ेगा। हालांकि गेहूं फसल के लिए बढ़ रही ठंड का मौसम बहुत लाभकारी है।
जिले में कुल 425 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू का आच्छादन कर 10,000 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही 186 हेक्टेयर क्षेत्रफल में राई-सरसों की बोआई भी की गई है। जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि कोहरा व बादलयुक्त मौसम आलू व सब्जी फसल के लिए काफी नुकसानदेह साबित होता है। फसल को बचाने के लिए किसानों को कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर सुरक्षात्मक छिड़काव करना चाहिए। ताकि उन्हें नुकसान का सामना न करना पड़े। आलू में पाला के लक्षण व बचाव
- पाला से प्रभावित आलू व सब्जी फसल की पत्तियां गलने लगती हैं। पत्तियों में धब्बे दिखाई पड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे वे सूख जाते हैं। किसानों ने सावधानी नहीं बरती तो उनकी उपज प्रभावित होगी। सुरक्षा के लिए किसानों को चाहिए कि कार्बेंडाजिम दवा, डाइथेनेम 45, कापर आक्सीक्लोराइड में से कोई एक दवा ढाई ग्राम, कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफास या रोगार दवा ढाई मिली दवा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। साथ ही सल्फर का भी छिड़काव भी फसल के लिए लाभकारी होगा।