विकास में भ्रष्टाचार के बहाने तय हो रहा सियासी मैदान

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नवंबर 2020 में होना प्रस्तावित है लेकिन गांव में विकास में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के बहाने सियासी मैदान तय होने लगे हैं। घोटालाघपला के आरोप में जहां कैयरमऊ हरिनरायनपुर मंगुरा और परगासपुर के प्रधानों के अधिकार छीने जा चुके हैं

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Dec 2019 05:28 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 05:28 PM (IST)
विकास में भ्रष्टाचार के बहाने तय हो रहा सियासी मैदान
विकास में भ्रष्टाचार के बहाने तय हो रहा सियासी मैदान

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नवंबर 2020 में होना प्रस्तावित है लेकिन गांव में विकास में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत के बहाने सियासी मैदान तय होने लगे हैं। घोटाला, घपला के आरोप में जहां कैयरमऊ, हरिनरायनपुर, मंगुरा और परगासपुर के प्रधानों के अधिकार छीने जा चुके हैं तो वहीं 50 से अधिक प्रधानों पर अभी भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। प्रतिदिन डीएम दरबार में एक-दो गांव के लोग प्रधानों के खिलाफ शपथ पत्र देकर शिकायत दर्ज करा रहे हैं।

आरोप है कि विकास कार्यों को कराने के बजाए ग्राम प्रधान अपनी कोठी बना रहे हैं। ऐसे प्रधानों के खिलाफ ग्रामीण भी लामबंद होने लगे हैं। नियमानुसार पांच लोग शपथपत्र तैयार कर विधि संगत जांच कराने की शिकायत जिलाधिकारी को सौंप रहे हैं। अब तक 50 से अधिक प्रधानों के खिलाफ जिलाधिकारी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई है। मनरेगा, राज्य वित्त सहित अन्य मदों के मिले बजट में व्यापक स्तर पर बंदरबांट किया गया है। यही नहीं मरसड़ा के मामले में तत्कालीन सचिव हर्षबर्धन बिद को जेल भी भेजा जा चुका है।

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अधिकारियों के यहां सज रहा दरबार प्रधानों के खिलाफ जैसे-जैसे शिकायतों की लाइन लग रही है वैसे-वैसे अधिकारियों के यहां दरबार सजने लगा है। शिकायतों की लंबी कतार से अधिकारियों की चांदी कट रही है। उनके दफ्तर से लेकर घर तक के साजो-सामान से पटे हुए हैं। जुबान खुली नहीं कि भ्रष्टाचार में संलिप्त प्रधान उनकी सेवा में जुट जा रहे हैं। विकास भवन से लेकर संबंधित जांच अधिकारियों तक के दफ्तर में इन दिनों कतार लग रही है।

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