.. लाखों रूपये बह गए पानी में

सरकारी धन के बंदरबाट का खेल या फिर अनदेखी ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की सुविधा देने के लिए स्थापित समूह पेयजल योजना की सुधवैं की सुधि नहीं ली गई। महज साढ़े तीन दशक पहले स्थापित योजना से जुड़े आधा दर्जन गांवों में आपूर्ति ठप पड़ गई है तो जहां हो भी रही है वह लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। गर्मी के इस दौर में पेयजल को लेकर गहराए संकट के बीच ग्रामीण हैंडपंप व कुआं के भरोसे पेयजल की व्यवस्था करने को विवश हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 06:57 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 06:21 AM (IST)
.. लाखों रूपये बह गए पानी में
.. लाखों रूपये बह गए पानी में

जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : सरकारी धन के बंदरबाट का खेल या फिर अनदेखी, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की सुविधा देने के लिए स्थापित समूह पेयजल योजना की सुधवैं की सुधि नहीं ली गई। साढ़े तीन दशक पहले स्थापित योजना से जुड़े आधा दर्जन गांवों में आपूर्ति ठप पड़ गई है तो जहां हो भी रही है वह लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। गर्मी के इस दौर में पेयजल को लेकर गहराए संकट के बीच ग्रामीण हैंडपंप व कुआं के भरोसे पेयजल की व्यवस्था करने को विवश हैं।

तेरह गांवों में जलापूर्ति की थी योजना

वर्ष 1982 में स्वच्छ पेयजल मिशन (ग्रामीण) के सतह सुधवैं में लाखों रुपये खर्च कर स्थापित समूह पेयजल योजना से कुल 13 गांवों को जलापूर्ति कराने की योजना बनी थी। शुरूआत में तो कुछ वर्ष तक सुविधा पहुंची लेकिन इसके बाद योजना दम तोड़ने लगी। जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुकी पाइपलाइनों की मरम्मत के प्रति होती रही अनदेखी के चलते बरईपुर, बेलहुआ, रामकिशुनपुर बसहीं, चकप्रेमगिरि, बिछियां व सींकी चौरा गांव में जलापूर्ति बंद हो चुकी है। गांवों के लोग फिर से कुआं व हैंडपंपों पर निर्भर हैं। सुधवैं, मंगापट्टी, गोधना, नौधन, कुरमैचा, सुभाषनगर व बनकट खास में आंशिक जलापूर्ति हो रही है।

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नौधन फकिरान बस्ती में पेयजल संकट

- समूह पेयजल योजना से जुड़े नौधन गांव के फकिरान बस्ती में जलापूर्ति बंद हो चुकी है। अब बस्ती के लोग हैंडपंप पर निर्भर हो चुके हैं। करीब तीन सौ से अधिक आबादी वाले बस्ती में पर्याप्त हैंडपंप की भी व्यवस्था नहीं है। बस्ती के माखन शाह व सितारा देवी ने कहा कि पहले जलापूर्ति होती थी तो शुद्ध पेयजल मिल जाता था। बस्ती में सरकारी हैंडपंप भी नहीं लगा है। एक - दो जो व्यक्तिगत रूप से लगवाए गए हैं उसी से पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है।

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- गांवों में जगह-जगह प्रधानमंत्री सड़क के निर्माण से लेकर अन्य कारणों के चलते पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होती चली गई। जिन्हें ठीक करने के लिए बजट का अभाव बना रहा। इससे आधा दर्जन गांवों में आपूर्ति ठप हो गई।नंदलाल : पंप संचालक

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