रहस्यमय हालत में फांसी लगाकर विवाहिता ने दी जान

कोतवाली क्षेत्र के हरियांव गांव निवासी कृष्णानंद विश्वकर्मा की 26 वर्षीय पत्नी भाग्यवानी देवी ने गुरुवार की रात फांसी लगाकर जान दे दी। घटना की जानकारी परिवार वालों को शुक्रवार को सुबह हुई। विवाहिता ने किन परस्थितियों में फांसी लगाई यह स्पष्ट नहीं हो सका।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Apr 2019 06:24 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 06:24 PM (IST)
रहस्यमय हालत में फांसी लगाकर विवाहिता ने दी जान
रहस्यमय हालत में फांसी लगाकर विवाहिता ने दी जान

जागरण संवाददाता, भदोही : कोतवाली क्षेत्र के हरियांव गांव निवासी कृष्णानंद विश्वकर्मा की 26 वर्षीय पत्नी भाग्यवानी देवी ने गुरुवार की रात फांसी लगाकर जान दे दी। घटना की जानकारी परिवार वालों को शुक्रवार को सुबह हुई। विवाहिता ने किन परस्थितियों में फांसी लगाई यह स्पष्ट नहीं हो सका। सूचना पर पहुंचे विवाहिता के मायके वालों ने ससुराल वालों पर देहज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया। तहसीलदार भगवानदास गुप्ता की उपस्थिति में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

जौनपुर जनपद धनापुर बरसठी निवासी रामशिरोमणि विश्वकर्मा की पुत्री भाग्यवानी का विवाह फरवरी वर्ष 2011 में हरियांव निवासी श्यामलाल विश्वकर्मा के पुत्र कृष्णानंद के साथ हुआ थी। विवाहिता के चाचा रामसजीवन के अनुसार शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताणित करते थे। बताया कि बुधवार को बेटी ने फोन कर बताया था कि उसके ससुर श्यामलाल ने मारा पीटा है। हमें आकर घर ले चलो। बताया कि वे एक दो रोज में अभी आने ही वाले थे कि शुक्रवार को भाग्यवानी के पिता ने मुंबंई से फोन कर घटना की जानकारी दी। उधर घटना के बाद विवाहिता का पति व ससुर घर से फरार हो गए हैं। मृतका के जेठ रामानंद ने बताया कि रात में छोटा भाई कृष्णानंद पास ही फर्नीचर कारखाने में सोया था जबकि उसकी पत्नी भाग्यवानी घर के कमरे में सोई थी। सुबह देर तक दरवाजा न खुलने पर आशंका हुई। आवाज लगाने पर भी कोई जवाब न मिलने के बाद दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का ²श्य देख लोग कर सन्न रह गए। तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर तहसीलदार भगवानदास गुप्ता, कोतवाल श्रीकांत राय मय फोर्स पहुंच गए। ससुराल व मायके वालों से पूछताछ के बाद शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। शहर कोतवाल श्रीकांत राय ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मौत कैसे हुई यह रिपोर्ट आने के बाद भी स्पष्ट होगा। बताया कि इस मामले में मायके वालों ने मौखिक रूप से आरोप लगाए हैं लेकिन तहरीर नहीं दिया है।

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बच्चे न होने से कुंठित रहती थी : शादी के आठ वर्ष के बाद भी भाग्यवानी को संतान सुख नहीं मिला था। यही कारण है कि वह कुंठा में रहती थी। ससुराल वालों के अनुसार इसके लिए उसका दवा इलाज भी कराया जा रहा था। उधर मायके वालों का कहना है कि दहेज के साथ साथ संतान न होने के लिए उसी को जिम्मेदार ठहराते हुए आए दिन प्रताड़ित किया जाता था।

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