पुलिस मुठभेड़ कांड की मजिस्ट्रियल जांच शुरू, मांगे गए साक्ष्य
सुरियावां के चकिया तिराहे पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शातिर बदमाश दीपक उर्फ कल्लू के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच शुरू कर दी गई है। उप जिलाधिकारी आशीष कुमार मिश्र ने इस संबंध में किसी को भी पक्ष रखने के लिए 25 जुलाई की तिथि निश्चित की है। कहा कि घटना के संबंध में जिसे भी कुछ कहना है वह निर्धारित तिथि पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकता है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सुरियावां के चकिया तिराहे पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए शातिर बदमाश दीपक उर्फ कल्लू के मामले में मजिस्ट्रियल जांच शुरू कर दी गई है। उप जिलाधिकारी आशीष कुमार मिश्र ने इस संबंध में किसी को भी पक्ष रखने के लिए 25 जुलाई की तिथि निश्चित की है। कहा कि घटना के संबंध में जिसे भी कुछ कहना है वह निर्धारित तिथि पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकता है।
कानपुर में हुई घटना के बाद पुलिस अपराधियों को धूल चटाने में जुट गई। सात जुलाई को सुरियावां के चकिया तिराहे पर वाराणसी स्थित बाल सुधार गृह से फरार शातिर बदमाश दीपक को पुलिस ने मार गिराया था। इस दौरान स्वाट प्रभारी अजय सिंह सेंगर के पैर में गोली लगी थी तो कांस्टेबल सचिन झा का बुलेट प्रुफ जैकेट में गोली लगी थी। स्वाट प्रभारी अभी भी निजी अस्पताल में भर्ती है। घटना के बाद डीएम राजेंद्र प्रसाद ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के लिए उप जिलाधिकारी भदोही के निर्देशित किए थे। एसडीएम भदोही ने मामले की जांच शुरु कर दी है।
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विकास दुबे का एनकाउंटर होते
ही सुस्त पड़ी पुलिस
यूपी का मोस्टवांटेड विकास दुबे का एनकाउंटर होते ही पुलिस सुस्त पड़ गई है। मुख्तार गैंग के टॉपटेन बदमाशों पर कार्रवाई करने के बजाए बस खानापूर्ति की जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दीपक के मारे जाने के बाद बदमाश खौफ में थे। कार्रवाई के भय से वह जनपद छोड़ चुके थे। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस राहत की सांस ली है। अब उसके आपरेशन भी पुराने ढर्रे पर चलने लगा है। बताया जा रहा है कि अभी तक पुलिस के रडार पर रहने वाले बदमाश जिले में फिर से जिले में डेरा डालने लगे हैं।