मासूमों ने रखा रोजा, कोरोना से निजात की दुआख्वानी

कोरोना महामारी व लाकडाउन के बीच भले ही मस्जिदों के दरवाजे बंद हैं लेकिन इबादत करने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। बल्कि पूर्व की अपेक्षा इस अधिक लोगों ने रोजा रखा। विशेष बात तो यह है कि इस बार बड़ों के साथ साथ बच्चों ने भी उत्साह दिखाया है। 15 घंटे से अधिक भूख प्यास बरदाश्त कर रोजा रहने वाले 7 से 10 साल के बच्चों की संख्या सौ से अधिक रही।इनमें कुछ बच्चों ने जहां किश्तों में रोजा रखा वहीं कुछ बच्चे लगातार रोजा रह रहे हैं। इन्हीं में शामिल हैं कजियाना मोहल्ला निवासी मरहूम अनवर राइन के परिवार के चार बच्चे। पूरे माह का रोजा रखकर सात से आठ साल के बच्चों ने लोगों का दिल जीत लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 06:24 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 09:01 PM (IST)
मासूमों ने रखा रोजा, कोरोना से निजात की दुआख्वानी
मासूमों ने रखा रोजा, कोरोना से निजात की दुआख्वानी

जासं, भदोही : कोरोना महामारी व लॉकडाउन के बीच भले ही मस्जिदों के दरवाजे बंद हैं लेकिन इबादत करने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। पूर्व के वर्षों की अपेक्षा इस बार अधिक लोगों ने रोजा रखा। विशेष बात तो यह है कि इस बार बड़ों के साथ साथ बच्चों ने भी उत्साह दिखाया है। 15 घंटे से अधिक भूख प्यास बर्दाश्त कर रोजा रहने वाले 7 से 10 साल के बच्चों की संख्या सौ से अधिक रही।

कालीन नगरी भदोही में बड़ों के साथ छोटे-छोटे बच्चों तक अल्लाह की इबादत से पीछे नहीं रहे। कुछ बच्चे जहां लगातार रोजा रह रहे हैं तो कुछ ने बच्चों किश्तों में रोजा रखा। इन्हीं में शामिल हैं कजियाना मोहल्ला निवासी मरहूम अनवर राइन के परिवार के चार बच्चे। पूरे माह का रोजा रखकर सात से आठ साल के बच्चों ने लोगों का दिल जीत लिया। शौकत राइन के आठ वर्षीय पुत्र मो. आकिब, अहमद राइन के आठ वर्षीय पुत्र मो. नोमान, मो. वैस तथा मो. अली की सात वर्षीय पुत्री जुमैरा नाज का शनिवार को 29वां रोजा था। यानी पूरा माह रोजा रखकर इन बच्चों ने कमाल कर दिया। बच्चों का कहना है कि घर के बड़ों की देखा देखी उन्होंने शुरुआत किया था। शुरू में भूख प्यास की शिद्दत महसूस हुई लेकिन इसके बाद आदत सी पड़ गई। शौकत व अहमद राइन का कहना है कि बच्चों पर कोई दबाव नहीं था। सब अपनी मर्जी से रोजा रहते हैं। पांच वक्त की नमाज अदा करने के साथ कुरआन की तिलावत भी करते हैं। बताया कि रोजा इफ्तार से पहले सभी मिलकर कोरोना महामारी से निजात के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं।

chat bot
आपका साथी