141 ग्राम पंचायतों में कार्य बंद होने से श्रमिक निराश

1092 ग्राम पंचायतों में ही चल रहे हैं मनरेगा से 2234 कार्य - 27 अक्टूबर को एक दिन में मिला 43565 श्रमिकों को रोजगार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 05:04 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 05:04 PM (IST)
141 ग्राम पंचायतों में कार्य बंद होने से श्रमिक निराश
141 ग्राम पंचायतों में कार्य बंद होने से श्रमिक निराश

जागरण संवाददाता, बस्ती : जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशों के बावजूद सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा श्रमिकों को काम नहीं मिल पा रहा है। कुल 1235 ग्राम पंचायतों में से 141 में काम बंद है, ऐसे में इन गांवों के मनरेगा श्रमिकों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है।

मनरेगा के तहत गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये सरकार की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। गरीब कल्याण योजना के तहत गांव में मनरेगा से व्यक्तिगत कार्य भी कराए जा रहे हैं, इसके बाद भी सभी मनरेगा श्रमिकों को काम नहीं मिल पा रहा है।

जिले के 1235 ग्राम पंचायतों में से 1092 ग्राम पंचायतों में मनरेगा से कार्य चल रहे हैं, जबकि 143 में कोई कार्य नहीं चल रहा है। इनमें बनकटी विकास खंड के 26, सल्टौआ गोपालपुर के 23, रामनगर के 20, हर्रैया के 16, साऊंघाट के 14, कप्तानगंज के 12, बस्ती सदर व विक्रमजोत के छह-छह, गौर, परशुरामपुर व रुधौली में पांच-पांच, बहादुरपुर विकास खंड के चार और दुबौलिया के एक ग्राम पंचायत में मनरेगा से कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है। 27 अक्टूबर को जिले के 1092 ग्राम पंचायतों में 2234 कार्य चल रहे हैं। इनमें 43565 श्रमिकों को रोजगार दिया गया।

उपायुक्त मनरेगा इंद्रपाल सिंह ने बताया कि कुछ ग्राम पंचायतों में काम पूरा होने के बाद, दूसरे काम का मस्टर रोल तैयार नहीं रहता, ऐसे में वहां कुछ दिन के लिए काम रुक जाता है। सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि एक काम पूरा हो, इससे पहले दूसरे काम को शुरू कराने की तैयारी पूरी कर लें जिससे वहां मजदूरों को नियमित रोजगार मिल सके। गरीब कल्याण योजना के तहत कुछ ग्राम पंचायतों के मस्टररोल फीड नहीं हो पाए हैं, ऐसे में वहां भी काम शो नहीं कर रहा है।

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