मैरुंड हुआ सुविखाबाबू गांव, सरयू नदी खतरे का निशान छूने को आतुर
कटरिया-चांदपुर तटबंध पर कटारिया गांव के निकट बने ठोकर नंबर एक पर पानी का दबाव बढ़ गया है। तटबंध की सुरक्षा के लिए बनाए गए परकोपाइन डूब गए हैं। गौरा सैफाबाद तटबंध पर टकटकवा और दलपतपुर के बीच कराए गए बोल्डर पिचिग को क्षतिग्रस्त करते हुए नदी ने तटबंध के बेस को करीब पांच मीटर लंबाई में क्षतिग्रस्त कर दिया है।
बस्ती: सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी खतरे का निशान को छूने को आतुर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान 92.73 मीटर से तीन सेंटीमीटर नीचे 92.70 मीटर पर प्रवाहित हो रहा है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण तटबंध और नदी के बीच स्थित सुविखाबाबू गांव चारों तरफ से जलमग्न (मैरुंड)हो गया है। लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। टेड़वा विशुनदासपुर की अनुसूचित बस्ती, खजांचीपुर का एक पुरवा, अशोकपुर के कई मजरों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
कटरिया-चांदपुर तटबंध पर कटारिया गांव के निकट बने ठोकर नंबर एक पर पानी का दबाव बढ़ गया है। तटबंध की सुरक्षा के लिए बनाए गए परकोपाइन डूब गए हैं। गौरा सैफाबाद तटबंध पर टकटकवा और दलपतपुर के बीच कराए गए बोल्डर पिचिग को क्षतिग्रस्त करते हुए नदी ने तटबंध के बेस को करीब पांच मीटर लंबाई में क्षतिग्रस्त कर दिया है। टकटकवा रिग बांध पर भी दबाव बढ़ गया है। गांव के पश्चिम तरफ रिग बांध धीरे-धीरे नदी की धारा में विलीन हो रहा है। वहीं जलस्तर बढ़ने से दलपतपुर, गौरा, शुकुलपुरा, पारा, कटरिया, बिसुन्दासपुर, आराजी डूही धर्मपुर सहित रामजानकी मार्ग और तटबंध के बीच स्थित गांव के पशुपालकों की चिताएं बढ़ गई हैं। लोग जान पर खेलकर नाव से पशुओं के लिए चारा लाने उस पार जाते हैं। सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है, नदी के उतार-चढ़ाव के बीच बोल्डर पिचिग का कार्य नदी में लांच हो रहा है। कटान से तटबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा।