केशवपुर गांव संवेदनशील, पिपरपाती में बंधा क्षतिग्रस्त

संवेदनशील होती जा रही विक्रमजेात क्षे†ा की स्थिति

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Aug 2018 10:39 PM (IST) Updated:Mon, 06 Aug 2018 10:39 PM (IST)
केशवपुर गांव संवेदनशील, पिपरपाती में बंधा क्षतिग्रस्त
केशवपुर गांव संवेदनशील, पिपरपाती में बंधा क्षतिग्रस्त

बस्ती: सरयू नदी ने बाढ़ का आगाज कर दिया है। विक्रमजोत विकास खंड के केशवपुर गांव में बाढ़ का पानी घुस रहा है। गांव के खेत-खलिहान डूब गए हैं। आबादी प्रभावित हो रही है। थोड़ा सा जलस्तर और बढ़ा तो लोगों के घरों में पानी घुस जाएगा। गांव के लोग काफी दहशत में हैं। दूसरी तरफ सोमवार को सुबह कलवारी-रामपुर तटबंध पर हुई कटान के चलते बीस मीटर बंधा क्षतिग्रस्त हो गया। यहां ठोकरों पर दबाव बना हुआ है। विक्रमजोत संवाददाता के अनुसार सरयू नदी ने विनाश लीला शुरू कर दी है। तटवर्ती गांव केशवपुर में आबादी बाढ़ की चपेट में आने की स्थिति में है। यहां कभी भी गांव में पानी प्रवेश कर जाएगा। दूसरी तरफ घघौआ पुल से पानी हाइवे पार कर परशुरामपुर विकास क्षेत्र के गांवों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। यहां के खेत डूबने लगे हैं। यदि पानी ऐसे ही बढ़ता रहा तो आबादी भी प्रभावित हो सकती है। जनपद में लगातार हो रही बारिश का भी असर देने को मिल रहा है। लोलपुर विक्रमजोत तटबंध के ठोकरों पर नदी का दबाव बढ़ता जा रहा है। नदी की धारा केशवपुर गांव से टकराकर सीधे ठोकर नंबर दो पर दबाव बना रही है। ठोकर का अगला हिस्सा व एक तरफ की पि¨चग नदी में समा गई है। बाढ़ खंड के जिम्मेदारों ने इसे दुरुस्त कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तटबंध पर मरम्मत कार्य हुआ ही नहीं। रेनकट व रैटहोल बारिश का पानी पाते ही आकार में बड़े हो गए हैं जिससे बांध पर बचाव सामग्री पहुंच नहीं पा रही है। बाढ़ खण्ड के जेई मकलूराम ने बताया कि नदी केशवपुर गांव से घूम कर सीधे दो नंबर ठोकर पर टकरा रही है। जिसके चलते ठोकर क्षतिग्रस्त हो गया। एसडीएम एपी शुक्ला व तहसीलदार मो.जसीम ने क्षतिग्रस्त ठोकर का निरीक्षण किया तथा आवश्यक निर्देश दिए। कुदरहा संवाददाता के अनुसार कलवारी-रामपुर तटबंध पर सोमवार की भोर में जम कर कटान हुई। जिससे ठोकर संख्या एक का नोज 10 मीटर बह गया। इसके साथ ही मुख्य बंधे पर भी कटान शुरू हो गई जिससे बंधे का बीस मीटर लंबा व डेढ़ मीटर चौड़ा हिस्सा नदी में समा गया। यहां पर स्थित संवेदनशील बनी हुई है। गतवर्ष बोल्डर डालकर सुरक्षित किया गया हिस्सा नदी में गायब हो गया है। बंधे की कटान का पता उस समय चला तब ग्रामीण बंधे की तरफ गए। मौके पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। ग्रामीणों ने बाढ़ चौकी पर सूचना दी उसके बाद जिम्मेदार मौके पर पहुंचे तब जा कर काम शुरू कराया गया। कटान पर नियंत्रण हो गया है। बचाव कार्य चल रहा है। नया ठोकर नंबर तीन का दस मीटर साइड बैठ गया है जहां अब तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो सका है। दुबौलिया संवाददाता के अनुसार सर्वाधिक संवेदनशील स्थल कटरिया-चांदपुर तटबंध पर राहत महसूस की गई। यहां कटान न होने से अधिकारी व ग्रामीण नि¨श्चत दिखे। अनुरक्षण कार्य लगातार चल रहा है। इसी गौरा-सैफाबाद तटबंध पर पारा गांव के पास बने ठोकरों पर नदी लगातार दबाव बना रही है। ठोकरों का अनुरक्षण कार्य जारी है। बिशेषरगंज संवाददाता के अनुसार बरदिया लोहार गांव में स्थिति सामान्य रही। रविवार को खेतों में भीषण कटान हुई थी।

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यह रहा जलस्तर

सोमवार को सरयू नदी अयोध्या में खतरे के निशान 92.73 मीटर से 12 सेमी ऊपर 92.85 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। केंद्रीय जल आयोग ने यहां जलस्तर स्थिर बताया है। अप स्ट्रीम में लगातार जलस्तर बढ़ने से मंगलवार को यहां का जलस्तर 92.95 मीटर हो जाने की संभावना है। एलल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान 106.07 से 42 सेमी ऊपर 106.49 सेमी पर पहुंच गई है। यहां जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।

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