जमकर बरसे बदरा, शहर से गांव तक पानी-पानी

मौसम ने रंग क्या बदला, शहर से लेकर गांव तक पानी-पानी हो गया। रविवार को सुबह से शाम तक हुई झमाझम बारिश से गलियां लबालब हो गईं। जल निकासी का ठोस प्रबंध न होने से जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Jul 2018 11:17 PM (IST) Updated:Sun, 29 Jul 2018 11:17 PM (IST)
जमकर बरसे बदरा, शहर से गांव तक पानी-पानी
जमकर बरसे बदरा, शहर से गांव तक पानी-पानी

बस्ती : मौसम ने रंग क्या बदला, शहर से लेकर गांव तक पानी-पानी हो गया। रविवार को सुबह से शाम तक हुई झमाझम बारिश से गलियां लबालब हो गईं। जल निकासी का ठोस प्रबंध न होने से जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई है। कई जगह तो आवागमन भी प्रभावित हो गया है। सबसे ज्यादा समस्या पैदल व साइकिल से जाने वाले लोगों को हो रही है। सुबह साढ़े नौ बजे से बादल बरसने लगा तो तर नहीं टूटा। शाम तक जमकर हुई बारिश से चहुंओर पानी ही नजर आने लगा। शाम को बारिश का क्रम टूटा तो घरों में दुबके लोग बाहर निकले। शहरी क्षेत्र में सबसे ज्यादा समस्या बेलवाडाड़ी, मुरलीजोत, चइयाबारी, कोतवाली, बभनगांवा, रौतापार में हुई। नगर पालिका क्षेत्र भी जलजमाव की चपेट में रहा। यहां के नाले ओवरफ्लो हो गए हैं। पानी सड़क पर आ गया है। नगर पालिका ने जलभराव वाले क्षेत्रों में त्वरित राहत देने के लिए जेसीबी लगा कर अवरोध हटाने का काम शुरू कर दिया है। मड़वानगर मोहल्ला बुरी तरह जलभराव की चपेट में रहा। ईओ नगर पालिका डा. मणि भूषण तिवारी ने कहा कि शहर को जलजमाव संकट से मुक्त करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के गोटवा बाजार में सड़क पर पानी ही पानी रहा। गनेशपुर कस्बे की सड़क पानी में डूब गई। इससे राहगीर परेशान रहे। क्षेत्र के अर्जुन गुप्ता, अब्बास अली खान, हिलशाद हसन खान कहते हैं कि यह समस्या लाइलाज बन चुकी है। राष्ट्रीय राजमार्ग की सर्विस रोड पर महराजगंज में सर्वाधिक परेशानी हो रही है। इसके अलावा अन्य कस्बाई बाजारों में भी लोग जलजमाव से परेशान हैं।

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बारिश ने किसानों के चेहरे पर लौटा दी मुस्कान

झमाझम बारिश ने किसानों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है। खेतों में लबालब पानी देख किसान खुश हो गए हैं। यह बारिश धान की खेती के लिए वरदान साबित हुआ है, तो बाकी गन्ना समेत अन्य फसलों के लिए खाद का काम कर रही है। जो किसान अब तक खेत की रोपाई नहीं कर सके थे वह रोपनी का काम पूरा करने में जुट गए हैं। जिस फसल को खाद की जरूरत है खाद डाली जा रही है।

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