रोजेदार की हर सांस इबादत, रोजे में बढ़ जाता है इबादत का सवाब

रोजेदार व हर बंदे को चाहिए की ज्यादा से ज्यादा कुरान की तिलावत करें और इबादत करें।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 12:14 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 12:14 AM (IST)
रोजेदार की हर सांस इबादत, रोजे में बढ़ जाता है इबादत का सवाब
रोजेदार की हर सांस इबादत, रोजे में बढ़ जाता है इबादत का सवाब

जागरण संवाददाता देईसाड़, बस्ती : रमजानुल मुबारक निहायत बाबरकत व बाअजमत महीना है। इस महीने में अल्लाह तआला रोजेदार के ऊपर बेशुमार नेअमतें नाजिल फरमाता है। मुफ्ती शहरे आलम ने बताया कि रोजेदार की फजीलतों के बारे में नबी-ए करीम की हदीश है कि रोजेदार के मुंह की महक अल्लाह के नजदीक मुश्क व अंबर से भी ज्यादा पसंदीदा और अफजल है। रोजे की हालत में हर सांस इबादत में शुमार होती है। इफ्तार के वक्त बंद-ए मोमिन जो कुछ भी रब की बारगाह में दुआएं करता है, तो अल्लाह उसे हर हाल में कबूल व मकबूल फरमाता है। अकीदतमंदों ने बुधवार को रमजान महीने का पहला रोजा रखने के साथ ही रहमत वाले अशरे का पहला दिन भी पूरा कर लिया। इस अशरे अर्थात 10 दिनों में अल्लाह अपने बंदों पर बेशुमार रहते नाजिल करता है। रोजेदार व हर बंदे को चाहिए की ज्यादा से ज्यादा कुरान की तिलावत करें और इबादत करें।

कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए इफ्तार के बाद नमाज-ए मगरिब व तरावीह की नमाज अपने घरों में ही अदा की और अल्लाह की बारगाह में मुल्क में अमनो सलामती की दुआएं मांगी। कोविड-19 जैसी खतरनाक बीमारी के खात्मे के लिए खुसूसी (खास कर) दुआ की गई। कोरोना गाइडलाइन का पालन कर करें इबादत

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रमजान में अकीदतमंद कोरोना गाइड लाइन का पालन कर घरों में ही इबादत करें। कोरोना का दूसरा दौर काफी खतरनाक है। इससे बचने के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है। जब भी घर से निकले मास्क लगाकर निकले। अपने साथ सैनिटाइजर भी रखें। इसका समय समय पर उपयोग करते रहें। रमजान का पवित्र माह चल रहा है। पूरे माह अकीदतमंद मस्जिदों व घरों में इबादत करते हैं। इस बार स्थितियां बिपरीत है, कोरोना की भयावहता को देखते हुए बेहतर होगा कि इबादत घरों में ही की जाए। इमाम हाफिज रफीक अहमद बरकाती, गौसिया जामा मस्जिद, बनकटी

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