शिवाघाट पर बना यात्री छाजन बदहाल
बस्ती: सोनहा-शिवाघाट-गौर मार्ग पर कुआनो नदी के शिवाघाट पुल के समीप बने यात्री छाजन का नामोनिशान मिट
बस्ती: सोनहा-शिवाघाट-गौर मार्ग पर कुआनो नदी के शिवाघाट पुल के समीप बने यात्री छाजन का नामोनिशान मिटने की कगार पर है। छाजन के अभाव में चिलचिलाती धूप में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
वित्तीय वर्ष 2009-10 में इसका निर्माण जिला पंचायत निधि से कराया गया था। वर्तमान समय में न तो टिन शेड बचा है न लोगों के बैठने के लिए रखी गई बेंच का ही पता है। सल्टौआ ब्लाक के अमरौली शुमाली, सेखुई, बस्थनवा, पिटाउट, तेलियाडीह, भिरिया, सिकन्दरपुर, चौकवा, गौहनिया, लेदवा, विश्वम्भरचक, द्वारिकाचक, पचमोहनी, पिपरी ठाकुर, मधवापुर, बरगदवा, पचमोहनी, बैरिहवा, परसाखाल, बढ़या कला, कनेथू बुजुर्ग, कन्थुई, हसनापुर, शिवा समेत गौर ब्लाक के भी एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों द्वारा यहां शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। यात्री छाजन के अभाव में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सोनहा व गौर पुलिस को यात्री छाजन रहने पर थोड़ी सहूलियत रहती थी। इस मार्ग से दर्जनों गांवों के लोगों का भानपुर, गौर, बभनान, हर्रैया व अयोध्या आना-जाना लगा रहता है। राम जनक, सियाराम पाल, जयराम पाल, शीतला प्रसाद, दुर्गा प्रसाद, अर¨वद यादव, राज कुमार विश्वकर्मा, अनिल कुमार चौधरी, आशीष कुमार, राम धीरज, मनोज कुमार पाण्डेय, शेष राम, शेषमणि पाण्डेय, संदीप कुमार मिश्र, राम भवन मौर्य, राम नयन मौर्य, रमेश चंद्र, जगराम यादव, श्री चौधरी, राम चरित्र आदि का कहना है कि यात्री छाजन न होने के कारण गर्मी व बरसात के मौसम में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहां सड़क पर काफी दूर तक पेड़, पौधे भी नहीं हैं, जिसकी छांव में लोग बैठ सकें।