चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क की करें स्थापना : डीएम

डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए प्रशासन भी एलर्ट हो गया है। डेंगू से बचाव के लिए प्रत्येक चिकित्सालय में फीवर हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा। हेल्प डेस्क में बैठे विशेषज्ञ से डेंगू से बचाव की जानकारी लोग प्राप्त कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 11:20 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:04 AM (IST)
चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क की करें स्थापना : डीएम
चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क की करें स्थापना : डीएम

बस्ती : डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से निपटने के लिए प्रशासन भी एलर्ट हो गया है। डेंगू से बचाव के लिए प्रत्येक चिकित्सालय में फीवर हेल्प डेस्क स्थापित किया जाएगा। हेल्प डेस्क में बैठे विशेषज्ञ से डेंगू से बचाव की जानकारी लोग प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने खुद की है। उन्होंने कहा ऐसे तरकीब अपनाने से ऐसी बीमारियों का खात्मा जल्द होगा।

डीएम ने कहा डेस्क पर बैठने वाले कर्मचारियों के पास डेंगू से बचाव की जानकारी होगी। चिकित्सालयों में उपलब्ध सुविधाओं के साथ-साथ तीमारदारों को डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण की जानकारी भी दी जाए। डीएम ने कहा डेंगू की पुष्टि के लिए खून का नमूना सेंटीनल सर्विलेंस लैब जरूर भेजा जाए। एलाईजा विधि से जांच की जाएगी। धनात्मक रिपोर्ट आने पर ही इलाज शुरू किया जाएगा। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों का उपचार ट्रीटमेंट प्रोटोकाल के अनुसार किया जाए। स्वास्थ्य विभाग रैपिड रिस्पांस टीम गठित करेगी जो सीएचसी-पीएचसी स्तर पर भी कार्य करेगी। नगर निकाय साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जलभराव रोकने की कार्रवाई करेंगे।

डीएम ने कहा है कि विद्यालयों में यदि कोई छात्र बुखार से पीड़ित मिलता है तो इसकी सूचना तत्काल सीएमओ को दी जाए। सुबह प्रार्थना के वक्त बच्चों को डेंगू से रोकथाम की जानकारी भी दी जाए। छात्र-छात्रा फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। मलिन बस्तियों, गांव, स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के पास जलभराव की स्थिति न होने दें। पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास, बाल विकास, सिचाई, कृषि, वन विभाग सुनिश्चित करें कि जलभराव न होने पाए। जलभराव हो तो सफाई के साथ केरोसिन का छिड़काव कराएं।

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